
क्षमा करें, हमें आपकी खोज से मेल खाने वाली कोई भी चीज़ नहीं मिली।
ताजमहल देखकर आश्चर्यचकित होना अलग अहसास है किंतु चांदनी रात में इसकी सुंदरता का दीदार करना, निस्संदेह अपने आप में अनोखा अनुभव प्रदान करता है। चांदनी रात में ताज देखने का कार्यक्रम प्रत्येक माह के पांच दिन उपलब्ध होता है। जिस दिन पूरा चांद खिला होता है तथा इसके दो दिन पहले तथा दो दिन बाद यह सैर आयोजित की जाती है। इस कार्यक्रम की घोषणा के 24 घंटे पूर्व भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण इन टूर की टिकटों की बिक्री आरंभ कर देता है। यद्यपि रमज़ान के दौरान रात में ताज की सैर के कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाते हैं। चांद संबंधित जो तिथियां कैलेंडरों में पहले से ही दी गई होती हैं और जो लोग ज्योतिषीय संकेतों का अनुसरण करते हैं, उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि इनमें बदलाव भी हो सकता है। इस टूर के आरंभ होने के निर्धारित समय से आधा घंटा पहले पर्यटकों को शिल्पग्राम पहुंच जाना चाहिए। यह ताजमहल के पूर्वी द्वार के निकट स्थित है। शुक्रवार को कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाता है।
आगरा में संगमरमर एवं पत्थरों पर की गई नक्काशी, चमड़े, तांबे के सामान, कालीन, आभूषणों एवं कढ़ाई युक्त वस्तुओं की ख़रीदारी की जा सकती है। सदर बाज़ार, किनारी बाज़ार, राजा-की-मंडी, संजय प्लेस, फ़तेहाबाद रोड, मुनरो रोड, शिल्पहाट एवं ताजमहल परिसर में स्थित दुकानों से ख़रीदारी कर सकते हैं। प्रामाणिकता एवं उचित दाम के लिए सरकारी एम्पोरियम से वस्तुएं ख़रीदना उचित होगा। एम.जी. रोड स्थित यूपी हैंडलूम, ताजमहल परिसर में स्थित राजस्थली, संजय प्लेस पर यूपीका तथा राजा-की-मंडी स्थित गांधी आश्रम खादी भवन से ख़रीदारी की जा सकती है। पैसिफिक मॉल, विशाल मेगा मार्ट, टीडीआई मॉल एवं ईज़ी डे संजय प्लेस कुछ ऐसे मॉल तथा प्लाज़ा हैं जहां से ब्रांडिड चीज़ें ख़रीद सकते हैं।
कला, शिल्प, संस्कृति एवं व्यंजनों का वार्षिक आयोजन होता है ताज महोत्सव। इसका आरंभ 1992 में हुआ था जिसका उद्देश्य आगरा के स्थानीय कलाकारों एवं परंपराओं को प्रोत्साहित करना था। इस महोत्सव के माध्यम से देश के अन्य भागों से भी कलाकारों को यहां आकर अपनी कलात्मक वस्तुएं दिखाने तथा बेचने का मंच प्रदान किया गया। न केवल देश भर से अपितु विदेश से आए पर्यटक इन कलाकारों की कलाकृतियां देखकर आश्चर्यचकित रह जाते हैं। इस महोत्सव में लगभग 400 कलाकार अपना काम प्रदर्शित करते हैं। इन महोत्सव में तमिलनाडु की काष्ठ/पत्थर की नक्काशी, भारत के पूर्वोत्तर का बांस/बेंत का काम, दक्षिण भारत एवं कश्मीर का काग़ज़ की लुगदी का काम, आगरा का संगमरमर तथा ज़र्दोज़ी का काम, सहारनपुर का लड़की का काम, मुरादाबाद का तांबे का काम इत्यादि देखने का सुअवसर मिलेगा। इस आयोजन की विशेषता ब्रज भूमि को प्रमुखता से प्रदर्शित करना होता है। इस दौरान स्थानीय व्यंजनों का स्वाद चख सकते हैं। झूलों, खिलौना-रेल की सैर का आनंद उठा सकते हैं। अपने परिजनों के साथ यहां आना मौज-मस्ती से भरपूर साबित होगा। इस महोत्सव का आयोजन फरवरी में किया जाता है।