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राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा 2008 में आरंभ किया गया आभानेरी महोत्सवए राज्य में मनाए जाने वाले प्रमुख आकर्षक महोत्सवों में से एक है। इस महोत्सव के माध्यम से राज्य में उपलब्ध विविधताएं देखने को मिलती हैं। इस दौरान आपको रंगीले राजस्थान की विशेषताएं भी जानने को मिलेंगी जैसे यहां के घने राष्ट्रीय उद्यानए हेरिटेज होटलए समृद्ध संग्रहालयए लग्ज़री रेलए स्वादिष्ट पकवान और अनगिनत मेलों व पर्वों की झलक दिखेगी। कहने का अभिप्राय यह है कि राज्य के सभी रंग आभानेरी महोत्सव में सिमटकर आपके समक्ष उजागर हो जाते हैं।

इस महोत्सव के कुछ आकर्षण जो देखने लायक होते हैं:

कच्छ का घोड़ी नृत्य

यह नृत्य पुरुष कलाकारों द्वारा नकली घोड़ों पर किया जाता है। वे हाथ में तलवार लिये होते हैं और शेखावाटी के बावरिया योद्धाओं के वीरतापूर्ण गीत गाते हैं। इस नृत्य के दौरान कलाकार आग से विभिन्न हैरतअंगेज़ करतब भी दिखाते हैं। ढोलए नगाड़ों की थापए रोमांच उत्पन्न कर देने वाला संगीत व जोश भर देने वाली तालए ये सभी गुण मिलकर इस प्रस्तुति को यादगार बना देते हैं।

ऊंट.गाड़ी की सवारी

सजे.धजे ऊंट काठ की छोटी.सी गाड़ी को खींचते हैं। इस गाड़ी पर रंग.बिरंगे कपड़े बिछे होते हैं। यह गाड़ी दूर तक फैले रेगिस्तान की सैर कराती हैए जो देखने लायक परिदृश्य होता है।

प्रदर्शनी और खरीदारी

राजस्थान की सांस्कृतिक झलक के बीच इस महोत्सव में राज्य की बेहतरीन हस्तकला से लेकर लोककलाओं को देखने का अवसर मिलता है। आप चाहो तो यहां से खरीदारी कर सकते हो अथवा बाज़ार में अधिक सामान देख सकते हैं।

कठपुतली का खेल

राजस्थान के पारंपरिक माध्यमों में से एक कठपुतली का खेल है। इसके जरिये राज्य की समृद्ध लोककला का प्रदर्शन किया जाता है।

भवाई नृत्य

यह नृत्य महिला कलाकारों द्वारा किया जाता है। यह राज्य के चकित कर देने वाले नृत्यों में से एक है। महिला कलाकार पारंपरिक पोशाक यानी कि घाघरा.चोली पहने होती हैं। गले में चांदी के आभूषण पहनती हैं तथा अपने सिर पर रखे विभिन्न बर्तनों को बेहतरीन तरीके से संतुलित करती हैं।

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