भगवान हनुमान को समर्पित यह मंदिर वाराणसी के प्राचीन मंदिरों में से एक है। संकट मोचन मंदिर अस्सी घाट व बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के निकट स्थित है। संत तुलसीदास द्वारा स्थापित यह मंदिर श्रद्धालुओं में बहुत लोकप्रिय है। ‘संकट मोचन’ का अर्थ होता है जो कष्टों को हरने में मदद करे। कई श्रद्धालुओं का मानना है कि इस मंदिर में इष्टदेव के दर्शन करने से उनकी परेशानियों का निवारण होगा। मंगलवार एवं शनिवार पावन दिन माने जाते हैं, इसलिए इन दोनों दिन श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ देखने को मिलती है जो हनुमान की वंदना करने यहां आते हैं। ये लोग भगवान हनुमान की मूर्ति पर लड्डुओं के साथ सिंदूर चढ़ाते हैं। तत्पश्चात् यह सिंदुर श्रद्धालुओं के माथे पर लगाया जाता है। यहां पर शास्त्रीय संगीत के अनेक कार्यक्रम होते हैं जिनमें एक सप्ताह तक चलने वाला संकट मोचन संगीत समारोह भी है। यह वार्षिक समारोह अप्रैल में आयोजित किया जाता है।   

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