उदयपुर ख़रीदारी के शौकीन हर व्यक्ति के लिए एक उपहार है। सुंदर आभूषण और रंगीन पारंपरिक कपड़ों से लेकर वुडेन हैंडीक्राफ्ट (लकड़ी से बने हस्तशिल्प) और मिनिएचर पेंटिंग्स (लघु चित्र)तक, शहर के हलचल भरे बाज़ार निश्चित रूप से खरीदारों का स्वर्ग हैं। सुंदर ढंग से नक्काशीदार लकड़ी की कलाकृतियों और राजस्थान की प्रसिद्ध कठपुतली या लटकती कठपुतलियों की खरीदारी करने के लिए बड़ा बाज़ार या हाथी पोल पर जाएं। हाथी पोल बाज़ार में राजस्थान की उत्तम पारंपरिक पेंटिंग्स बेचने वाली कई दुकानें हैं, जिनमें पिचवाई, फड़ और राजस्थानी मिनिएचर पेंटिंग्स (लघु चित्र) शामिल हैं। जगदीश मंदिर की गली ऊंट के चमड़े (कैमल लैदर) से बनी पत्रिकाओं और डायरियों के लिए प्रसिद्ध है। घण्टा घर या घड़ी टॉवर इस सड़क से कुछ ही दूरी पर है।

घण्टा घर बाज़ार उदयपुर के मशहूर कुंदन, पोल्की और मीनाकारी की ज्वेलरी खरीदने के लिए सबसे अच्छी जगह है। ज्वेलरी को जस्ता और चांदी में डिज़ाइन किया जाता है। कीमती रत्न(स्टोन्स) जैसे रूबी, नीलम और पन्ना आमतौर पर ज्वेलरी में एक शाही स्पर्श देने के लिए लगाए जाते हैं। हाथीदांत, लकड़ी, पीतल, चांदी और लाह से बने दस्तकारी(हाथों से बनाए हुए) सामानों की खरीदारी के लिए भी यह बाज़ार एक बेहतरीन जगह है।

अगर आप कढ़ाई वाले और बाटिक प्रिंट से सजे राजस्थानी कपड़े खरीदना चाहते हैं, तो लेक पैलेस रोड पर जा सकते हैं। यह महिलाओं के चीज़ों के लिए काफ़ी मशहूर मार्केट माना जाता है। इस मार्केट की दुकानों में लकड़ी और पीतल से बनी हिंदू देवताओं की छोटी-छोटी मूर्तियां भी बेची जाती हैं। उदयपुर की लोकल मार्केट में ऊंट के चमड़े (कैमल लैदर) से बनी चीज़ें, जैसे पर्स और जूतियों का कारोबार भी होता है। यहां राजस्थानी बंधिनी प्रिंट की साड़ियां, कुर्ते, बैग और अन्य चीज़ें बेचने वाली दुकानों का भंडार लगा है।

शहर में खरीदारी करने की सबसे अच्छी जगहों में से एक शिल्पग्राम भी है। जिसे मिट्टी और लकड़ी की झोपड़ियों के अंदर बनी दुकानों के साथ एक पारंपरिक राजस्थानी गांव की तरह बनाया गया है। राजस्थानी वस्तुएं देखने और खरीदने के लिए शिल्पग्राम सबसे सही जगह है। राजस्थान की सरकार राजस्थली नाम से खुद का हस्तशिल्प(हैन्डींक्राफट) एम्पोरियम भी चलाती है, जो नक्काशी वाली लकड़ी की वस्तुओं से लेकर खूबसूरत साड़ियों तक सब कुछ खरीदने के लिए एक बहुत ही अच्छी जगह है।