मिट्टी के बर्तन

उदयपुर के मरू कुम्हार आदिवासियों के लिए टेराकोटा की सुन्दर पटिया(प्लाक) बनाने के लिए जाने जाते हैं, जो उन्हें अपने मंदिरों में रखते हैं। पटिया बनाने में हाथों के ज़रिए एक सरल तकनीक का उपयोग होता है, जिसके बाद वे भट्ठी में पकायी जाती हैं। पटियों को अंतिम रूप दिए जाने से पहले आमतौर पर नौ दिनों तक सुखाया जाता है। उदयपुर में मिट्टी के बर्तनों के कई कारखाने हैं, जहां इसकी पारंपरिक तकनीकों को सीखा जा सकता है। पर्यटक स्थानीय कुम्हारों के घर जाकर भी इस प्राचीन कला को सीख सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें एक यादगार अनुभव मिलेगा। पर्यटक स्थानीय कारीगरों के साथ बातचीत करके उनकी जीवन शैली से परिचित होकर अपनी उदयपुर यात्रा को यादगार बना सकते हैं। यहां के कुम्हार काफी मददगार होते हैं और अपनी पारंपरिक तकनीकों को किसी के साथ बांटने में झिझकते नहीं हैं। इन कारखानों के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि आप खुद की बनाई किसी रचना को यहां से अपनी यात्रा की याद के तौर पर ले जा सकते हैं।

मिट्टी के बर्तन

खरीदारी

उदयपुर ख़रीदारी के शौकीन हर व्यक्ति के लिए एक उपहार है। सुंदर आभूषण और रंगीन पारंपरिक कपड़ों से लेकर वुडेन हैंडीक्राफ्ट (लकड़ी से बने हस्तशिल्प) और मिनिएचर पेंटिंग्स (लघु चित्र)तक, शहर के हलचल भरे बाज़ार निश्चित रूप से खरीदारों का स्वर्ग हैं। सुंदर ढंग से नक्काशीदार लकड़ी की कलाकृतियों और राजस्थान की प्रसिद्ध कठपुतली या लटकती कठपुतलियों की खरीदारी करने के लिए बड़ा बाज़ार या हाथी पोल पर जाएं। हाथी पोल बाज़ार में राजस्थान की उत्तम पारंपरिक पेंटिंग्स बेचने वाली कई दुकानें हैं, जिनमें पिचवाई, फड़ और राजस्थानी मिनिएचर पेंटिंग्स (लघु चित्र) शामिल हैं। जगदीश मंदिर की गली ऊंट के चमड़े (कैमल लैदर) से बनी पत्रिकाओं और डायरियों के लिए प्रसिद्ध है। घण्टा घर या घड़ी टॉवर इस सड़क से कुछ ही दूरी पर है।

घण्टा घर बाज़ार उदयपुर के मशहूर कुंदन, पोल्की और मीनाकारी की ज्वेलरी खरीदने के लिए सबसे अच्छी जगह है। ज्वेलरी को जस्ता और चांदी में डिज़ाइन किया जाता है। कीमती रत्न(स्टोन्स) जैसे रूबी, नीलम और पन्ना आमतौर पर ज्वेलरी में एक शाही स्पर्श देने के लिए लगाए जाते हैं। हाथीदांत, लकड़ी, पीतल, चांदी और लाह से बने दस्तकारी(हाथों से बनाए हुए) सामानों की खरीदारी के लिए भी यह बाज़ार एक बेहतरीन जगह है।

खरीदारी

रोपवे राइड

यदि आपने मानसपूर्णा करणी माता रोपवे से उदयपुर को नहीं देखा है तो आपने उदयपुर को वास्तव में देखा ही नहीं। केबल कार राइड जो करणी माता मंदिर को दीनदयाल उपाध्याय पार्क से जोड़ती है, राजस्थान का पहला रोपवे है और उदयपुर के सबसे शानदार दृश्य प्रस्तुत करती है। पर्यटकों को पिछोला झील के साथ-साथ सिटी पैलेस और झीलों के इस शहर के अन्य प्रसिद्ध लक्जरी होटलों और हेरिटेज बिल्डिंग्स जैसे कई रत्नों के व्यापक दृश्य देखने को मिलते हैं। राइड की मदद से, लोग आशीर्वाद लेने के लिए करणी माता के मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं, जोकि रोपवे खुलने से पहले काफी कठिन हुआ करता था। उदयपुर में आपके मनोरंजन की गतिविधियों की सूची में ये राइड सबसे ऊपर होनी चाहिए।

रोपवे राइड

सज्जनगढ़ जैविक उद्यान

मानसून पैलेस की तलहटी में 36 हेक्टेयर में फैले सज्जनगढ़ जैविक उद्यान का उद्घाटन वर्ष 2015 में किया गया था। इसमें विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधों और जीव शामिल किये गये हैं, जिनमें हिमालयन काला भालू, तेंदुआ, बाघ, सांभर, धारीदार लकड़बग्घा, शेर, भारतीय साही और कई अन्य प्रजातियां शामिल हैं। जैविक पार्क 24x7 सीसीटीवी निगरानी के अधीन है और इसमें एक इन-हाउस चिड़ियाघर अस्पताल और एक पोषण केंद्र है।

सज्जनगढ़ जैविक उद्यान

शिल्पग्राम मेला

शिल्पग्राम मेला उदयपुर में हर साल होने वाला कला और शिल्प का मेला है। हाथ से बुने कपड़े और ऊंट के चमड़े के उत्पाद मेले के कुछ आकर्षण हैं। मेला स्थानीय कारीगरों, कुम्हारों और डिजाइनरों को अपनी प्रतिभा दिखाने और अपनी संस्कृतियों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह बुनकरों और स्थानीय कारीगरों की जीवन शैली की झलक भी पेश करता है। मेला आमतौर पर नवंबर या दिसंबर के महीनों में आयोजित किया जाता है और 10 दिनों तक चलता है।

शिल्पग्राम मेला

भारतीय लोककला संग्रहालय

यह स्थान राजस्थान की जातीय लोक संस्कृति का अनुभव करने के लिए एक अच्छी जगह है। इसमें ग्रामीण पहनावों, लोक देवताओं, चित्रों, मुखौटों और गुड़ियों का एक दुर्लभ संग्रह है। यह संग्रहालय भारतीय लोक कला मंडल द्वारा मेवाड़ की स्थानीय कला और शिल्प को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किया गया था। संग्रहालय नियमित रूप से पर्यटकों के लिए एक कठपुतली शो का आयोजन करता है और हाथों पर मेंहदी के डिजाइन और गाय के गोबर से सजाये गए फर्श आदि के कई डिजाइनों को भी प्रदर्शित करता है।

भारतीय लोककला संग्रहालय

क्रिस्टल गैलरी

क्रिस्टल गैलरी दुनिया में क्रिस्टल्स का सबसे बड़ा प्राइवेट कलेक्शन है, जिसे महाराजा सज्जन सिंह (1893-1947) द्वारा स्थापित किया गया था। गैलरी को वर्ष 1994 में जनता के लिए खोला गया और इसमें दुनिया के विभिन्न हिस्सों से लाए गए कीमती स्फटिक प्रदर्शित हैं। इसमें फव्वारे, कपड़े, डाइनिंग टेबल, सोफा सेट, एक क्रिस्टल बेड और कई अन्य कीमती सामान भी हैं। इसका मुख्य आकर्षण है दुनिया का एकमात्र क्रिस्टल बेड। गैलरी में ऑडियो गाइड्स भी उपलब्ध हैं जो क्रिस्टल्स के इस अद्भुत संग्रह की पूरी जानकारी देते हैं। गैलरी में वे दुर्लभ क्रिस्टल्स भी हैं, जो महाराणा सज्जन सिंह ने वर्ष 1877 में इंग्लैंड की एफ एंड सी ओसलर एंड कंपनी से मंगवाये थे।

क्रिस्टल गैलरी

विंटेज कार संग्रहालय

उदयपुर के सबसे दिलचस्प स्थानों में से एक, विंटेज कार संग्रहालय में कुछ सबसे सुंदर और शानदार कारें हैं, जो राज परिवारों द्वारा उपयोग में लायी जाती थीं। इस संग्रह को मेवाड़ राज्य मोटर गैराज में प्रदर्शित किया गया है और इसमें 22 कारें शामिल हैं। संग्रहालय में सबसे आकर्षक कारों में से कुछ हैं- सेवन-सीटर 1938 कैडिलैक, 1934 रोल्स रॉयस फैंटम और कैडिलैक कन्वर्टिबल। प्रदर्शित कारें अभी भी ठीक-ठाक स्थिति में हैं और उनमें से कई में मेवाड़ परिवार की जरूरतों के अनुसार बदलाव किए गए हैं।

विंटेज कार संग्रहालय