हरे भरे पहाड़ों, सफेद संगमरमर के मंदिरों और शानदार महलों से घिरे नीले पानी से जगमगाती जयसमंद झील अपने आप में एक शानदार दृश्य है। उदयपुर से लगभग 50 किमी दूर जयसमंद एशिया की दूसरी सबसे बड़ी आर्टिफिशल झील है। महाराजा जय सिंह द्वारा वर्ष 1685 में निर्मित, झील 36 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैली है और इसकी लंबाई 14 किमी और चौड़ाई 9 किमी है। झील की गहराई लगभग 102 फीट है!

यह झील ढेबर के नाम से भी जानी जाती है और इसका निर्माण तब किया गया था, जब राजा गोमती नदी पर एक बांध का निर्माण कर रहे थे। झील पर मौजूद बांध आकार में बहुत विशाल है: 1,202 फीट लंबा, 116 फीट ऊंचा और नीचे 70 फीट चौड़ा। झील के केंद्र में भगवान शिव का एक मंदिर है। इसके किनारे पर एक शानदार गर्मियों का महल है, जो कभी उदयपुर के शाही परिवार की महिलाओं के लिए बनवाया गया था। झील के तटबंध पर छह संगमरमर के सेनेटोफ भी हैं। झील में सात द्वीप हैं और इनमें सबसे बड़ा है बाबका भागड़ा।

धीरे-धीरे पानी में उतरती संगमरमर से बनी सुन्दर सीढियों के साथ इस झील के किनारे बैठकर इसके लहराते पानी को देखने का अलग ही मज़ा है। यहां घूमने-फिरने के लिए नावों की व्यवस्था है और पास में जैसमंद अभयारण्य भी है, जो मेवाड़ राजपरिवार के शिकार करने की जगह थी और आज विभिन्न प्रकार के पक्षियों और जानवरों जैसे पैंथर, तेंदुए, हिरण और जंगली सूअरों का घर है।

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