शहर से लगभग 85 किमी दूर स्थित, नागोर मुसलमानों का एक लोकप्रिय तीर्थस्थल है। यहां का मुख्य आकर्षण, 16 वीं शताब्दी के संत हज़रत मीरान सुल्ता शन सैयदहाबुल हमीद की दरगाह है, जिसकी ऊंचाई 124 फीट है। इसे पेरिया मिनार के नाम से भी जाना जाता है और इसके चार प्रवेश द्वार हैं। अपनी प्रभावशाली नक्काशी, पांच स्पायर्स और भव्य संगमरमर के अंदरूनी हिस्सों के लिए प्रसिद्ध, यह दरगाह अतुल्य वास्तुशिल्प का उदाहरण है। कढ़ाई की गई चांदी की चादरों से ढके विशाल दरवाजों को देखना न भूलें! साहित्यकारों के अनुसार, हमीद साहब की मृत्यु के लगभग 200 साल बाद 1760 ई. के आसपास, राजा प्रताप सिंह द्वारा पेरिया मिनार का निर्माण करवाया गया था। दरगाह के पीछे एक बड़ा तालाब है, जहां एक वार्षिक कंदूरी उत्सव भी आयोजित किया जाता है। नागोर के क्षेत्र में दो हिंदू मंदिर हैं, जिनमें से एक भगवान शिव और दूसरा भगवान विष्णु को समर्पित है। शहर का एक अन्य आकर्षण सीरलाम्मान मंदिर भी है।

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