इतिहास में मइलादुथुरई का स्थान एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल के रूप में आता है। कावेरी नदी के तट पर स्थित इस शहर में अनेक मंदिर हैं, जिनमें से मयूर नाथ स्वामी मंदिर सबसे प्रमुख है। यह मंदिर मयूरनाथर के रूप में पूजे जाने वाले भगवान शिव को समर्पित है, इसके साथ एक दिलचस्प किंवदंती जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि देवी पार्वती को मोरनी बन जाने का श्राप मिला था, और वे इसी रूप में भगवान शिव की पूजा के लिए यहां आई थीं। तब से, इस शहर का नाम मयिलादुथुराई या 'मोर का शहर' पड़ गया। यहां आने वाले पर्यटक नवग्रहों को समर्पित पवित्र स्थलों की भी यात्रा कर सकते हैं। हिंदू ज्योतिष के अनुसार वे नौ ग्रह हैं, सूर्य, चंद्रमा, मंगल,बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु।

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