समुद्र तल से 21,300 फीट की ऊंचाई पर स्थित, अरुणाचल प्रदेश की गोरीचेन चोटी सबसे ऊंची आरोह्य चोटी है। अपनी अधिक ऊंचाई के कारण, यह सालो भर बर्फ से ढ़की रहती है, और यही कारण है कि यह कई अनुभवी पर्वतारोहियों और एडवेंचर पसंद ट्रेकर को अपनी ओर आकर्षित करती है। मुख्य शहर से 164 किमी की दूरी पर स्थित, इस चोटी को स्थानीय नाम सा-न्गा-फु से जाना जाता है, जिसका अर्थ होता है 'देव का राज्य'। इस चोटी का, बोमडिला और तवांग के बीच की सड़क से, सबसे स्पष्ट दृश्य देखने को मिलता है। मोनपा जनजाति के लोग इस चोटी की पूजा करते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि यह उनके अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है और यह उन्हें सभी अमंगलों से सुरक्षित रखती है। स्थानीय लोग इसे अक्सर विशाल सफेद हाथी कहते हैं, क्यों कि इस पर आच्छादित सफेद बर्फ इसे इस क्षेत्र की सबसे विशिष्ट और सहज ही पहचाने जाने वाली चोटियों में से एक बनाती है। इसका दृश्य मंत्र मुग्ध करने वाला है, क्योंकि जहां नीचे की तरफ घाटियों के हरे-भरे घास के मैदान और ताजे जंगल के कई टुकड़े दिखाई देते हैं, वहीं उससे उपर की ओर उभरती चमकदार सफेद बर्फ से ढकी चोटियां हैं जो सूर्य की किरणों से जगमगाती रहती हैं।

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