पूर्णा नदी के तट पर स्थित नवसारी, पारसियों के विरासत का शहर है। जब वे पहली बार गुजरात में प्रवासी की तरह आये थे तो यहीं बसे थे। यहां प्रामाणिक पारसी शैली में निर्मित अनेक इमारतें हैं जो पारसी स्थापत्य कला की उत्कृष्टता के नमूने हैं। पर्यटकों के लिये यहां का एक प्रमुख आकर्षण है पारसी वाड, जो अब एक विरासत स्थल बन गया है। सूरत से 30 किमी दक्षिण में स्थित, नवसारी में कई आध्यात्मिक स्थल हैं, जिनमें अतास बेहराम अग्नि-मंदिर और छोटी अगियारियां, पार्श्वनाथ जैन मंदिर और सैयद सआदत की प्रसिद्ध दरगाह भी शामिल है। यहां एक और विशेष आकर्षण है, और वह है भारतीय इस्पात उद्योग के अग्रदूत और संस्थापक जमशेदजी टाटा का घर, जो यहीं पैदा हुए थे। उनका घर अच्छी तरह से संरक्षित है और देश भर से पर्यटक इसे देखने के लिये यहां आते हैं। इस अनूठे शहर का रसास्वादन करने के लिए, जोरास्ट्रियन कला, शिल्प और स्थानीय व्यंजनों का आनंद लें।

अन्य आकर्षण