दांडी रेत तट (बीच) सूरत के सबसे प्रमुख स्थलों में से एक है। यह वह महत्वपूर्ण स्थान है जहां भारत के स्वतंत्रता संग्राम की एक बहुत बड़ी लड़ाई लड़ी गई थी, और इसी कारण यह पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। भारत के सबसे साफ रेत तटों में से एक, दांडी रेत तट शहर से दूर एक मंद और शांतिपूर्ण सप्ताहिक छुट्टी मनाने के लिए एक अच्छा विकल्प है। यह रेत तट एक शानदार पिकनिक मनाने की जगह भी है जहां आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ एक अच्छा समय बिता सकते हैं। यह रेत तट न केवल अपने प्राचीन परिवेश के लिए, बल्कि अपने समृद्ध ऐतिहासिक अतीत के चलते भी, एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। सन् 1930 में, ब्रिटिश नमक कानून का विरोध करते हुए महात्मा गांधी ने नमक सत्याग्रह आन्दोलन किया था। वे अहमदाबाद से, इस विरोध आन्दोलन में वह अपने कुछ अनुयायियों के साथ निकले थे, जिनकी संख्या प्रत्येक चरण पर बढ़ती ही गई थी। दांडी पहुंच कर, उन्होंने मुट्ठी भर खारी मिट्टी और समुद्री जल को लेकर नमक बनाया, और इस तरह उन्होने ब्रिटिश सरकार के नमक उत्पादन के एकाधिकार पर करारा प्रहार किया। इस साधारण विरोध को जोरदार राष्ट्रीय समर्थन मिला था और भारत में इस आंदोलन को, ब्रिटिश राज की कमर तोड़ने का श्रेय भी दिया जाता है। यह रेत तट सप्ताहिक छुट्टी के दिनों का एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल है, और पर्यटकों को अपने सुंदर परिवेश में लुप्त उठाने के लिए आकर्षित करता है।

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