समुद्र के पानी का किनारों से टकराने का शोर, सुंदर एवं रुपहले समुद्र-तट, मैनग्रोव और हरी भरी घाटियों के चादर से ढके हुए परिदृश्य से भरा पूरा बंदरगाह शहर 'रत्नागिरि' एक ऐसा प्राकृतिक रत्न है, मानो प्रकृति के मुकुट से धरती पर आ गिरा हो। महाराष्ट्र के कोंकण में स्थित शानदार घाटियां, संकरी खाड़ियां और दलदली भूमि रत्नागिरि की विशुद्ध सुंदरता है, जिस पर कोई भी इस जैसा हरा भरा शहर ईर्ष्या से भर जाए।  

फरवरी से अप्रैल के महीनों के दौरान, दुर्लभ ओलिव रिडले (जैतून रिडले) कछुए इस शहर को अपना पनागाह बनाते है, जहां वेलास तट पर वे अपने अंडे देते हैं। और खुद को सुरक्षित करने के लिए हज़ारों के झुंड में उनके बच्चों को समुद्र की ओर पलायन करते देखना एक अद्भुत अविस्मरणीय अनुभूति है।  

रत्नागिरि शानदार सह्याद्री पर्वत श्रृंखला से घिरा हुआ है। यह अनेक जल प्रपातों, वनस्पतियों और जीवों से समृद्ध है। यह पर्यटकों को मनोरंजन से लेकर, अलौकिक, ऐतिहासिक एवं साहसिक आदि सभी प्रकार के अनुभव प्रदान करता है, जिसकी वे कामना करते हैं। यहां की प्राकृतिक सुंदरता, सदियों पुराने किले, सुरम्य समुद्र तट और हलचल भरे मछुआरों की बस्तियां इसे शांतिपूर्ण और अनूठे अनुभव की तलाश में निकले पर्यटकों के लिए एक अद्भुत पर्यटन स्थल बनाते हैं। यहां अल्फांसो आम की बहुत किस्में पाई जाती हैं, जिस कारण इस शहर को "अल्फांसो की भूमि"(आमों का राजा) के नाम से भी जाना जाता है।