पुदुचेरी में एक जीवंत आत्मा है जो अक्सर यहां के उत्सवों में परिलक्षित होती है। यदि आप यहां एक यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो आप कोशिश करें और उतना समय दें ताकि आप इनमें से किसी एक त्योहार में शामिल हो सकें।

अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव

जबकि सभी त्योहारों का अपना अपना आकर्षण है, पर अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की तुलना में कोई और त्योहार नहीं है जो पुदुचेरी की आत्मा का प्रतिनिधित्व कर सके। पुदुचेरी सरकार, सन् 1992 से, हर साल 4 जनवरी से 7 जनवरी के बीच, इस वार्षिक कार्यक्रम का आयोजन करती रही है, जिसमें दुनिया भर से योग विशेषज्ञों का यहां आगमन होता है।

अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव

आग पर चलने का उत्सव

एक रोमांचक और खतरनाक उत्सव है, आग पर चलने का उत्सव। अक्टूबर या नवंबर के महीनों में, 40 दिनों की अवधि के लिए भक्तगण, भगवा रंग के कपड़े पहन कर उपवास करते हैं, और रहने में कठोर नियमों का पालन करते हैं। मुख्य रात में, शुद्धि स्नान के बाद, वे जलते हुए कोयले के 4 मीटर लंबे गड्ढे में, नंगे पैर चलते हैं।

आग पर चलने का उत्सव

रथ महोत्सव

मई और जून महीनों के दौरान, वार्षिक रथ महोत्सव का आयोजन विलियानूर मंदिर में किया जाता है जब बड़ी संख्या में भक्तगण 15 मीटर लंबे रथ को सड़कों पर खींच कर ले जाते हैं। मान्यता यह है कि इस रथ को खींचने वाले भक्तों की मनोकामना पूरी हो जाती है। भगवान शिव, एक शिवलिंग के रूप में, इस मंदिर के पीठासीन देवता हैं।

रथ महोत्सव

फ्रांसिसी व्यंजन त्योहार

पुदुचेरी में, युवाओं के लिए अनेक उत्सव मनाए जाते हैं जिनमें भाग लेने हर साल यहां अनेक पर्यटक आते हैं। इनमें फ्रांसीसी व्यंजन त्योहार सबसे लोकप्रिय है। पुदुचेरी का पर्यटन विभाग, इसे अगस्त माह में आयोजित करता है। यह उत्सव, यहां देश भर से एकत्रित पर्यटकों को, विभिन्न प्रकार के फ्रांसीसी व्यंजनों के स्वाद का अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है।

फ्रांसिसी व्यंजन त्योहार

मासी मागम

तमिल भाषियों द्वारा माकम नक्षत्र के दौरान, या माघ महीने में मनाए जाने वाले मासी मागम वह दिन होता है जिस दिन मंदिरों की मूर्तियों को औपचारिक स्नान कराने के लिए किसी तालाब, नदी या समुद्र में ले जाया जाता है। यह त्योहार थाईलैंड, सिंगापुर और इंडोनेशिया में भी मनाया जाता है।

मासी मागम

चिदंबरम नाट्यंजलि उत्सव

त्योहार के मौसम के दौरान, पुदुचेरी का केंद्र शासित प्रदेश, यात्रियों के लिए एक स्वर्ग सा बन जाता है। यहां ऐसी कई गतिविधियां और त्यौहार हैं जो पूरे वर्ष होते रहते हैं, इसलिए यहां का सांस्कृतिक कैलेंडर आमतौर पर काफी भरा रहता है। शहर का आध्यात्मिक झुकाव इस बात से निश्चित होता है कि इन त्योहारों की बड़ी संख्या पुदुचेरी के मंदिरों में ही होती है। मिसाल के तौर पर, शिवरात्रि के अवसर पर होने वाला वार्षिक चिदंबरम नाट्यंजलि समारोह में देश भर के कलाकारों का प्रदर्शन होता है। इस तरह, भैरवी के माध्यम से कर्नाटक संगीत को बढ़ावा मिलता है, जहां संगीत प्रेमी लोग, वाद्य और गायन प्रदर्शन, नृत्य और संगीत की प्रस्तुतियों को भी जोड़ लेते है। इनमें से अधिकांश नृत्य और संगीत समारोहों पर एक मजबूत तमिल प्रभाव रहता है। और आप कंदरूरी महोत्सव, भगवती मंदिर महोत्सव, विष्णुतीर्थम, स्वामीकल्याणम, मंडलम विलाक्कू और अन्य बहुत सारी गतिविधियों को न भूलें।

चिदंबरम नाट्यंजलि उत्सव