नत्थाटॉप की यात्रा

पटनीटॉप से एक छोटा रास्ता नत्थाटॉप तक जाता है। यह रास्ता सर्दियों में बर्फ से ढक जाता है। यह स्कीइंग और पैराग्लाइडिंग के लिए अच्छी जगह है। 2,711 मीटर की ऊंचाई पर स्थित नत्थाटॉप से, हिमालय की किश्तवाड़ पर्वत श्रेणी दिखाई देती है। इस श्रेणी में ब्रम्मह मस्सिफ़ है, जिसमें फ्लैट टॉप, अर्जुन और ब्रम्हा I और II की प्रसिद्ध चोटियां शामिल हैं। इन चोटियों के बारे में दिलचस्प बात यह है कि इस नामकरण के विपरीत, ब्रम्हा II सबसे ऊंची चोटी है। हालांकि, ब्रम्हा I निश्चित रूप से सबसे नाटकीय है, जो अपने निचले आधार से पश्चिमी छोर की तरफ नाटकीय रूप से उठी हुई है।

इस स्थान के कुछ व्यंजनों का भी आनंद लिया जा सकता है। नत्थाटॉप, पीर पंजाल पर्वत श्रंखला का ऐसा स्थल है; जहां प्रकृति प्रेमियों को ज़रूर जाना चाहिए।

नत्थाटॉप की यात्रा

शिवगढ़ में पद यात्रा

शिवगढ़ से एक दिन की पैदल यात्रा करके आप चीड़ के लहलहाते जंगलों में पहुंच जाएंगे। यह पास के पहाड़ों के लिए लंबे और छोटे रास्तों की शुरुआती जगह है। एक मजेदार अनुभव के लिए यह एक खास जगह है। पटनीटॉप से लगभग 11 किमी दूर स्थित, यह काफी शांत जगह है। यहां से कुद और बटोटे के पर्वतीय शहरों का शानदार नजारा दिखता है। विशाल हिमालय आपकी यात्रा में आपके साथ बराबर बना रहता है और देवदार के ऊंचे-ऊंचे पेड़ों के बीच सूरज लुका-छिपी करता रहता है। चूंकि यह अभी भी केवल कुछ ही साहसी यात्रियों तक सीमित है, इसलिए उम्मीद है कि आप इससे परेशान नहीं होंगे।

गर्मियों में, यहां का तापमान सात से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है। यह तापमान मजेदार और आरामदायक ट्रेक के लिए काफी सुखद है, लेकिन सर्दियों में यहां का तापमान -2 से -18 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है।

शिवगढ़ में पद यात्रा

देवदार के जंगल

पटनीटॉप उत्तम देवदार के जंगलों के लिए प्रसिद्ध है। यहां कई खूबसूरत पिकनिक स्पॉट, साफ-सुथरे पैदल मार्ग और चेनाब घाटी का शानदार दृश्य है। यहां के वृक्ष सदाबहार, शंकुधारी और काफी लंबे होते हैं। इनकी शाखाएं घनी होती हैं। ये पेड़ धूप में फलते-फूलते हैं और एक हरी-भरी छतरी जैसा आकार ले लेते हैं। बर्फ की मोटी परत से ढके यहां के देवदार के जंगल स्कीइंग के बेहद उपयुक्त हैं। पर्यटक यहां चीड़ और देवदार के वृक्षों के बीच बने हॉलिडे होम में एक रात प्रकृति की संगति में बिता सकते हैं। इस जंगल विंटर रिसॉर्ट्स भी है। यह जम्मू और उधमपुर के काफी निकट है। इस कारण यह निकट और दूर के पर्यटकों को आकर्षित करता है। जम्मू और कश्मीर राज्य के इस पर्यटन स्थल में पर्यटकों के साथ-साथ भारतीय सेना के लिए भी हॉलिडे होम बने हुए हैं।

देवदार के जंगल

नाग मंदिर

नाग मंदिर 600 साल पुराना मंदिर है। यह मंतलाई में एक पहाड़ की चोटी पर स्थित है। कहा जाता है कि यहां भगवान शिव ने देवी पार्वती से विवाह किया था। यह मंदिर नाग देवता को समर्पित है। लोग यहां सांपों की पूजा, प्रार्थना और मिष्ठान चढाने आते हैं। मंदिर हरियाली और बर्फ से ढकी पर्वत चोटियों से घिरा है। नाग पंचमी उत्सव के दौरान हजारों तीर्थयात्री इस मंदिर में आते हैं। नाग पंचमी में यहां सांपों की पारंपरिक रूप से पूजा की जाती है।
माना जाता है कि नाग मंदिर देश के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। मंदिर की ऊंचाई से चेनाब घाट और देवदार के झूमते शानदार वृक्षों के दृश्य का आनंद लिया जा सकता है।

भक्तों के बीच एक आम धारणा है कि इस मंदिर में प्रार्थना करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। लोग यहां आते हैं और नाग देवता से प्रार्थना करते हुए एक पवित्र लाल धागा बांधते हैं। जिनकी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है, वह लोग वापस आकर लंगर (खुली रसोई) रखते हैं, जिसमें सभी को मुफ्त भोजन खिलाया जाता है।

नाग मंदिर

सुध महादेव मंदिर

कहा जाता है कि यह मंदिर लगभग 2,800 साल पुराना है। भक्तों को इसका आध्यात्मिक महत्व और स्थापत्य सौंदर्य समान रूप से लुभाती है। यहां प्राकृतिक रूप से काला संगमरमर पाया जाता है। यहां भगवान शिव का त्रिशूल और गदा रखी है। माना जाता है कि पांच पौराणिक पांडव भाइयों में से यह गदा भीम की थी। यह समुद्र तल से 1,225 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां पाप नाशिनी बोवली नामक एक झरना भी है। माना जाता है कि इस झरने में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।

इस देवता की पूजा करने के लिए तीन दिनों तक चलने वाले एक उत्सव का आयोजन किया जाता है। यह उत्सव जून और जुलाई में सावन महीने की पूर्णिमा की रात को आयोजित किया जाता है। यह काफी शानदार उत्सव होता है। यह तीर्थयात्रियों को बहुत आकर्षित करता है। इस त्यौहार की ऐसी प्रसिद्धि है कि राज्य सरकार आगंतुकों के लिए अतिरिक्त आवास की व्यवस्था करती है। सरकारी एजेंसियां आवागमन के लिए परिवहन की भी पर्याप्त व्यवस्था करती हैं। आप यहां जम्मू और कश्मीर पर्यटन विभाग द्वारा बनवाए गए तम्बू में या धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा बनाए गए एक सराय (थोड़ी देर के लिए छात्रावास) में भी रह सकते हैं।

सुध महादेव मंदिर