सोनपुर का मेला एशिया के सबसे बड़े और पुराने पशु मेलों में से एक हैए यह कार्तिक पूर्णिमा को आयोजित किया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा अक्सर नवंबर के महिने में आती है। यह मेला पटना से लगभग 30 किमी दूर स्थित सोनपुर में गंगा और गंडक नदियों के संगम पर आयोजित होता है। हिंदुओं के लिए यह पवित्र स्थल माना जाता हैए कई तीर्थयात्री यहां इन दो नदियों के संगम पर डुबकी लगाकर हरिहरनाथ मंदिर में पूजा करने जाते हैं। कहा जाता है कि बादशाह चन्द्रगुप्त मौर्य की सेना के लिए घोड़े और हाथी यहीं से खरीदे जाते थे।

प्राचीन काल में पशु व्यापारी और खरीददार यहां मध्य एशिया से आया करते थे। 14.दिवसीय इस मेले की शुरूआत मंदिर में पूजा से की जाती है और कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर भक्त इस नदी में डुबकी लगाते हैं। आज इस मेले में कपड़ोंए फर्नीचर और खिलौनों से लेकर बर्तनए कृषि उपकरणए आभूषण और हस्तशिल्प तक सब कुछ बिकता है। यहां स्थानीय संगीतए नृत्य और जादुई शो का आनंद भी लिया जाता है। सोन मेला को हरिहर क्षेत्र मेला भी कहा जाता है। इस मेले को देखने एशिया भर से आगंतुक आते हैं।

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