ऊटी झील

ऊटकमुंड का गौरव कही जाने वाली मानव निर्मित ऊटी झील, नीलगिरी के इस हिस्से में आकर्षण का मुख्य केंद्र है। एक लोकप्रिय मनोरंजक पर्यटन स्थल, यह 'एल' आकार की झील है। यहां नौका विहार की सुविधा भी है। झील की सैर करने के लिए आप स्वयं चमकदार नीले पानी में नाव चला सकते हैं या एक नाविक को किराए पर ले सकते हैं। यह झील प्रचुर हरियाली और नीलगिरी के पेड़ों से घिरी हुई है, जो इस स्थान की शांति को बढ़ा देती हैं। नीलगिरी की पृष्ठभूमि में स्थित, यह झील एक सुंदर फोटोग्राफी केंद्र है। इस झील के पास विभिन्न प्रकार के पक्षियों का आश्रय होने के कारण, यह झील पक्षी प्रेमियों को भी आकर्षित करती है।
पूरे वर्ष इस झील में नौका दौड़ का आयोजन किया जाता है। इसके पास में ही, एक छोटा बगीचा और मनोरंजन पार्क भी है। 65 एकड़ में फैली इस झील का निर्माण वर्ष 1824 में कोयंबटूर के तत्कालीन कलेक्टर जॉन सूलिवान की देखरेख में की गई थी।

ऊटी झील

सरकारी बॉटनिकल गार्डन

डोडाबेटा पर्वत की ढलानों पर फैला हुआ सरकारी बॉटनिकल गार्डन 2,500 मी. की ऊंचाई पर स्थित है। यह शांत उद्यान छह भागों में विभाजित हैः लोअर गार्डन, इटालियन गार्डन, न्यू गार्डन, कंजर्वेटरी, फाउंटेन टेरेस और नर्सरी। यहां पर हरे भरे मैदानों में वनस्पति की विशिष्ट और दुर्लभ प्रजातियां तथा अनेक प्रकार की फूलों वाली झाडियां और पौधे हैं। यह उद्यान नीलगिरि की प्राकृतिक पेड़-पौधों की एक सजीव दीर्घा है और यह दिन बिताने के लिए एक आदर्श स्थान है। बगीचे की विशेषताओं में कॉर्क ट्री (भारत में अपनी तरह का एक ही है), मंकी पजल ट्री और 2 करोड़ साल पुराना जीवाश्म पेड़ शामिल है, इसे देखना न भूलें। इटालियन गार्डन में स्वच्छ पानी का एक तालाब है और फर्न हाउस में विभिन्न प्रकार के आर्किड और फर्न हैं। हर वर्ष तमिलनाडु हॉर्टीकल्चर विभाग मई महीने में यहां एक फ्लावर शो का आयोजन करता है। इसमें बगीचे में मौजूद विभिन्न प्रकार की दुर्लभ वनस्पतियों एवं पौधों की प्रजातियों का प्रर्दशन किया जाता है।
इस गवर्नमेंट बोटैनिकल गार्डन की स्थापना वर्ष 1848 में प्रसिद्ध वास्तुकार विलियम ग्राहम मैकिवर ने की थी। इसे ब्रिटिश निवासियों को उचित दाम पर सब्जियों की आपूर्ति के उद्देश्य से स्थापित किया गया था। इस उद्यान की देख-रेख वर्तमान में तमिलनाडु का हॉर्टीकल्चर विभाग करता है।

सरकारी बॉटनिकल गार्डन

कुन्नूर

भारत के सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशनों में से एक कुन्नूर में साल भर खुशनुमा मौसम रहता है। कुन्नूर ऊटी से लगभग 21 किमी दूर है। यहां कई प्रकार के वन्यजीव और पक्षी पाए जाते हैं। यहां के मुख्य आकर्षण यहां के अनेक चाय बगान हैं। इस हिल स्टेशन पर आप अनेक एडवेंचर गतिविधियों में भाग ले सकते हैं। यहां ढेर सारे हाइकिंग एवं ट्रेकिंग ट्रेल्स हैं, इसके अलावा यहां कई नाइट कैम्पिंग साइट्स भी हैं। कुन्नूर लगभग 2000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसके आसपास के अन्य दर्शनीय स्थलों में लैंब्स रॉक, लेडी कैनिंग सीट, डॉल्फ़िन नोज़, सेंट कैथरीन फॉल्स, सिम पार्क शामिल हैं। कुन्नूर से इन सब दर्शनीय स्थलों के लिए एक टॉय ट्रेन चलती है। इस टॉय ट्रेन की यात्रा बहुत ही रोमांचकारी है। यहां हर वर्ष मई के महीने में शहर में फ्रूट एंड वेजिटेबल शो तथा नवंबर और दिसंबर के बीच टी एंड टूरिज़्म फ़ेस्टिवल का आयोजन किया जाता है; देश भर से पर्यटक इन फ़ेस्टिवल को देखने के लिए आते हैं।

कुन्नूर

डोड्डाबेट्टा पीक

डोड्डाबेट्टा, जिसका शाब्दिक अर्थ विशाल पर्वत है, नीलगिरी की सबसे ऊंची चोटी, 2,373 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। डोड्डाबेट्टा पीक ऊटी बस टर्मिनल से लगभग 10 किमी दूर, पूर्वी और पश्चिमी घाट के जंक्शन पर स्थित है। पर्यटक यहां साफ़ मौसम में, डोड्डबेट्टा पीक के हरे भरे मनोरम परिदृश्यों का आनंद ले सकते हैं। डोड्डाबेट्टा पीक घने शोलों, फ़र्न और नीलगिरी के पौधों से भरा है। पर्यटन विभाग द्वारा यहां पर्वत चोटी पर एक टेलीस्कोप हाउस स्थापित किया गया है, जिसके पास पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। इस टेलीस्कोप हाउस से नीचे बसे पूरे शहर का नज़ारा देखा जा सकता है। प्रशासन के द्वारा डोडाबेट्टा पीक की अच्छी देख रेख की गयी है। यहां से अन्य पर्वत श्रृंखलाएं जैसे, हेक्युबा,कट्टाकडू और कुलकुडी, आदि शानदार दिखते हैं। यहां फोटोग्राफी के बेहतरीन अवसर हैं, इसलिए यहां आप अपना कैमरा ले जाना न भूलें।

डोड्डाबेट्टा पीक

सिम पार्क

सिम पार्क, 12 हेक्टेयर में फैला ऊटकमुंड में एक बेहद लोकप्रिय स्थान है। पार्क में फूलों की प्रजातियों की ढेरों किस्में हैं, जो आमतौर पर ऊटकमुंड में और कहीं नहीं पायी जाती है। मई के महीने में इस पार्क में वार्षिक फ्रूट एंड वेजिटेबल शो का आयोजन किया जाता है, बड़ी संख्या में पर्यटक इसे देखने आते हैं। इस पार्क में वनस्पति की भी कई प्रजातियां हैं, जिन्हें दुनिया के विभिन्न जगहों से लाया गया है। यह स्थल पेड़-पौधों और रेंगने वाले जीवों से भरा हुआ है। बगीचे के दो प्रमुख आकर्षण हैं, एक है रुद्राक्ष का पेड़ (बीड ट्री) और दूसरा है एक क्वींसलैंड केरी पाइन ट्री। पार्क से सटे पोमोलॉजिकल रिसर्च स्टेशन में, रेशम कीट प्रजनन केन्द्र और पैस्चर इंस्टीट्यूट है।
इस पार्क की स्थापना वर्ष 1874 में, नीलगिरि जंगलों के कार्यवाहक अधीक्षक, मेजर मरे ने की थी और पार्क का नामकरण सरकार के तत्कालीन सचिव, जेडी सिम के नाम पर किया गया। शुरुआती दिनों में सिम पार्क ब्रिटिश सरकार के अधिकारियों और मेहमानों के लिए मौज-मस्ती एवं विश्रामस्थल था। बाद में यह एक शानदार पार्क में तब्दील हो गया।

सिम पार्क

अवलांच झील

अवलांच लेक, यह ऊटकमुंड से 28 किमी की दूरी है। यहां आने के लिए एमराल्ड झील और घने जंगलों को पार करना पड़ता है। यह अपर-भवानी इलाके से ऊटकमुंड के रास्ते में पड़ता है। आराम से दिन काटने के लिए यह बेहद सुंदर स्थान है। इस झील तक जाने वाले रास्ते भव्य एवं मनमोहक दृश्यों से भरे हैं, जिसकी यात्रा बेहद सुखदायक है। अवालांच झील खिलते हुए फूलों से ढके पहाड़ी ढलान से घिरा हुआ है। पहाड़ की चोटी से, आप पूरे क्षेत्र के एक एक हिस्से को ठीक से देख सकते हैं। घने पेड़ों के कारण सूर्य के प्रकाश का यहां आ पाना थोड़ा मुश्किल है, इसलिए यह वन क्षेत्र ज्यादातर छाया में ही रहता है। यहां पर बड़ी संख्या में विभिन्न प्रजातियों के पक्षी दिखने को मिलते हैं। एडवेंचर में रूचि रखने वाले पर्यटक यहां ढेर सारी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं, जैसे- ट्रेकिंग, फिशिंग, नाइट कैंपिंग आदि। झील के पास एक ट्राउट हैचरी स्थापित की गई है, जहां मछली पकड़ने के उपकरण किराए पर लिए जा सकते है। झील में राफ्टिंग करने की भी सुविधा है।

अवलांच झील

प्यकरा ग्राम

ऊटकमुंड से लगभग 21 किमी दूर, पायकरा एक खूबसूरत गांव है, जहां इसी नाम से एक तेज़ बहाव वाली नदी और एक झरना भी है। पायकरा इस जिले की सबसे बड़ी नदी है और इस क्षेत्र के टोडा जनजाति के लोग इसे बहुत पवित्र मानते हैं। मुकुर्ती पहाड़ की चोटी से निकलकर, यह पहाड़ी इलाकों से गुज़रती हुई उत्तर की ओर जाती है। नदी रास्ते में कई जगह सुंदर झरने का रूप ले लेती है। नदी के अंतिम दो झरने क्रमशः 55 मीटर और 61 मीटर ऊंचें हैं, इसके बाद ये आपस में मिल जाते हैं। यह झरना पायकरा फाल्स के नाम से प्रसिद्ध है। यहां कई साहसिक ट्रेकिंग ट्रेल्स भी हैं। हरियाली के बीचो बीच, एक प्रमुख आकर्षण पायकरा झील है। यह एक बेहतरीन पिकनिक स्थल है और यहां नौका विहार की भी सुविधा है। यहां के अन्य आकर्षणों में घने शोल के जंगल, घास के मैदान और वन्य जीवन शामिल हैं। प्रकृति-प्रेमियों, फ़ोटोग्राफ़रों और एडवेंचर चाहने वाले व्यक्तियों को पायकरा गांव जरूर जाना चाहिए। पास में स्थित वेनलॉक डाउन, एक और लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।

प्यकरा ग्राम

केटी वैली

दुनिया की सबसे बड़ी घाटियों में से एक, 7,000 फुट गहरी केटी घाटी कोयम्बटूर के मैदानी इलाकों से लेकर मैसूर पठार तक फैली हुई है। इस घाटी से 14 पड़ोसी गांवों का लुभावना दृश्य देखा जा सकता है। यहां ज्यादातर टोडा और बडुगा जनजाति के लोग रहते हैं। यह छोटा सा गांव केटी घाटी का प्रवेश द्वार है और यह एक शांत पर्यटन स्थल भी है। थीअशोला चाय, यूकेलिप्टस ऑयल और लेमोंग्रस ऑयल, आदि कुछ खास चीजें हैं जो आफ यहां से खरीद सकते हैं। इस गांव की सुंदर वास्तुकला को देखने के लिए, आप लवडेल और केट्टी स्टेशन जा सकते हैं। नीले आकाश और चांदी जैसे बादलों से घिरे पर्वत श्रृंखलाओं और चारों ओर हरे-भरे ओक के वृक्षों के बीच आप सैर का मज़ा ले सकते हैं। आप यहां से एमराल्ड चाय बागान तक भी जा सकते हैं। पहाड़ की चोटी से भव्य मनोरम दृश्यों को देखने के लिए यहां एक टेलीस्कोप हाउस भी है, यहां पर एक वर्ल्ड वैक्स म्यूजियम भी है। यह घाटी सुई बनाने वाले उद्योग का केंद्र भी है।

केटी वैली

वेसटर्न कैचमेंट

तमिलनाडु वन विभाग द्वारा संरक्षित, वेसटर्न कैचमेंट एक हरा भरा घास का मैदान है। इसका निचला हिस्सा घाटी के शोला वृक्षों से भरा हुआ है। चोटी के शिखर से देखने से ऐसा प्रतीत होता है, मानो यह हरी मखमली घास की कालीन हो। पार्सन्स घाटी से 20 किमी की दूरी पर स्थित, वेसटर्न कैचमेंट के पहाड़ी ढलान पर शोल के पेड़ और तेज़ी से बहती जल धाराएं हैं, साथ ही एक सुंदर झील जैसा जलाशय भी यहां है, जिसे पोर्टिमंड झील कहा जाता है। यह टहलने, सैर करने के लिए एक अच्छा स्थान है, यहां से चारों ओर का नज़ारा भी अच्छा दिखता है।
यहां पर पर्यटक नीलगिरि तहर, सांभर और नेवलों को उनके प्राकृतिक परिवेश में घूमते देखा जा सकता है। इस बेहद खूबसूरत जगह की यात्रा करने के लिए, वन विभाग से अनुमति लेनी पड़ती है, क्योंकि पर्यटकों को इस क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से जाने की अनुमति नहीं है। किसी समय में कई क्षेत्रीय फिल्मों की शूटिंग यहां की गई थी, लेकिन पर्यावरण संरक्षण की जागरूकता के बाद, अब इस तरह के फिल्मों की शूटिंग के लिए अनुमति नहीं दी जाती है।

वेसटर्न कैचमेंट

नीडल रॉक

सूसी मलाई के नाम से भी जाना जाने वाला नीडल रॉक व्यूपॉइंट गुडालूर से 8 किलोमीटर की दूरी पर ऊटकमुंड गुडालूर राष्ट्रीय राजमार्ग पर है। नीडल रॉक से नीलगिरि के घास के मैदानों और खूबसूरत घाटियों का 360 डिग्री दृश्य दिखता है। पयकरा और कडलूर के बीच स्थित कोनिकल शेप का नीडल रॉक अत्यंत मनोरम दिखता है। साफ आसमान होने पर, यहां से सूर्यास्त बहुत सुंदर दिखता है। यहां से मुदुमलै वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी का विहंगम दृश्य देखने लायक है। इसे दक्षिण भारत का पहला वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी होने का गौरव प्राप्त है। इस अभ्यारण्य में अनेक प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं जिनमें हॉर्नबिल, मिनीवेट, फेयरी ब्लू बर्ड और जंगली मुर्गियां शामिल हैं।

नीडल रॉक