रोज गार्डन

इस रोज़ गार्डेन की स्थापना वर्ष 1995 में बॉटेनिकल गार्डन के 100वें पुष्प महोत्सव के अवसर पर की गई थी। इसकी देखभाल तमिलनाडु हॉर्टीकल्चर विभाग करता है। 4 हेक्टेयर में फैले इस रोज़ गार्डन में 2,500 से अधिक गुलाब की किस्में मौजूद हैं, जिसके कारण इसे भारत की सबसे अधिक विविधता वाला संग्रह माना जाता है।
पर्यटक इस बगीचे में आराम से टहल सकते हैं, और अलग-अलग पांच ढलानों पर स्थित क्यारियों में फैले गुलाबों की खुशबू का मज़ा ले सकते हैं। 'एल्क हिल' की निचली ढलानों पर स्थित इस बगीचे को देखकर ऐसा लगता है मानो बगीचे को गुलाब की लताओं से सजाया गया हो, जिसमें हाइब्रिड टी रोज, लघु गुलाब, फ्लोरबंडा और रैम्बलर जैसी किस्में हैं। यहां पर हरे और काले गुलाब भी हैं! इंद्रियों को मोहित करने के लिए, बगीचे में एक ऐसी जगह है जिसे नीला मादम कहा जाता है, जहां से पूरे परिदृश्य का मनोहारी दृश्य देखा जा सकता है।

रोज गार्डन

वेनलॉक डाउन

यूकेलिप्टस के पेड़ और शोल के जंगलो के बीचों बीच वेनलॉक डाउन्स बसा हुआ है। इसके चारों ओर दूर-दूर तक हरियाली ही हरियाली है। एक समय उधगमंडलम हंट के लिए प्रसिद्ध, अब यह ऊटी जिमखाना क्लब है। यहां की शांत सड़कों पर आप एक सुखद सैर का आनंद ले सकते हैं, आपको यहां कुछ भेड़ भी चरते हुए भी दिख जाएंगे! वेनलॉक डाउन्स गोल्फ के शौकीनों के लिए एक अद्भुत स्थान है। लोककथा के अनुसार, इस जगह का नाम सर आर्थर लॉली के तीसरे भाई, बैरन वेनलॉक के नाम पर रखा गया है। वेनलॉक डाउन्स में कई फिल्मों की शूटिंग भी की गई है, जैसे कि 'सिक्स्थ माइल' और 'नाइन्थ माइल' आदि। यह ऊटी से पायकरा के रास्ते पर है। प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर, यह स्थल वनस्पतियों से समृद्ध है। इसकी अनोखी सुंदरता आपको ब्लॉकबस्टर श्रृंखला, 'लॉर्ड ऑफ द रिंग्स' के खूबसूरत दृश्यों की याद दिलाती हैं।

वेनलॉक डाउन

टी एंड टूरिज़्म फ़ेस्टिवल

ऊटी का हिल स्टेशन ब्रिटिश काल से ही विशाल चाय बागानों से भरा हुआ है, और यह चाय उगाने वाले उद्योग का एक प्रमुख केंद्र है। भव्य दृश्य और सुखद मौसम के अलावा, ऊटी का एक और आकर्षण है, टी एंड टूरिज़्म फ़ेस्टिवल, जिसकी शुरुआत वर्ष 1994 में हिल स्टेशन में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए की गयी थी। इसका भव्य उत्सव पूरे देश के पर्यटकों को आकर्षित करता है। ऊटकमुंड के चाय उद्योग और इसकी असंख्य किस्मों को देखते हुए, इस त्योहार में चाय के बागानों को खूबसूरती से सजाया जाता है। पर्यटक स्थानीय लोगों द्वारा आयोजित लोक संगीत और नृत्य प्रदर्शन एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद ले सकते हैं। यहां बेहतरीन चाय की किस्में चखने और खरीदने की सुविधा भी उपलब्ध होती है। तमिलनाडु पर्यटन विभाग और पर्यटन मंत्रालय द्वारा प्रचारित एवं आयोजित यह महोत्सव आमतौर पर जनवरी महीने में आयोजित किया जाता है। पर्यटक गाइड को साथ लेकर चाय बागानों में घूम सकते हैं।

टी एंड टूरिज़्म फ़ेस्टिवल

शॉपिंग

बहुत सारी ऐसी चीजें हैं जो आप ऊटकमुंड में खरीद सकते हैं। नज़ारों का मज़ा लेते हुए, पूरे शहर में चाय की खुशबू का आनंद लें। आप यहां अनेक किस्मों की चाय पत्ती और अगरबत्ती, युकिलिप्टस ऑयल, सुगंधित मोमबत्तियां, फूलों से बने इत्र और अन्य उत्पादों की खरीदारी कर सकते हैं। नेशनल हाइवे 67 के जंक्शन पर चारिंग क्रॉस है, जहां आप स्थानीय लोगों के साथ बातचीत करते हुए ऊनी कपड़ों की खरीदारी कर सकते हैं।
पास के तिब्बत मार्केट में बिकने वाले हस्तनिर्मित मोती के आभूषण यहां के पर्यटकों का ध्यान खींचता है। आप यहां टोडा कढ़ाई वाले हस्तशिल्प और प्राचीन वस्तुओं की खरीदारी भी कर सकते हैं। बागवानी (प्रकृति) में रूचि रखने वाले लोग फूलों के बीज, पौधे और बागवानी के उपकरण, आदि खरीद सकते हैं। यहां के पायकरा रोड पर ढेर सारे होम मेड चॉकलेट मिलते हैं। वहां आपको सड़क की दोनों तरफ दुकानें दिखेंगी, जहां सफ़ेद, कैरमेल और डार्क चॉकलेट और बहुत सारे ड्राई फ्रूट से बने हुए व्यंजन खरीद सकते हैं। हर शहर की तरह, ऊटकमुंड में भी पर्यटकों की भीड़ वाली एक कमर्शियल स्ट्रीट है, जहां चमड़े के वस्तुएं खरीदी जा सकती हैं। खरीदने वाली अन्य चीजों में नीलगिरी शहद, सिनकोना उत्पाद, टोडा ज्वैलरी, विभिन्न प्रकार के कॉफी और शॉल शामिल हैं, इन्हें आप उचित दुकान पर जाकर खरीद सकते हैं। यदि और कुछ नहीं, तो आप पास के पुम्पुहारा आउटलेट (तमिलनाडु राज्य सरकार द्वारा संचालित) के कैराली कपड़े और तमिल हस्तशिल्प और प्राचीन वस्तुओं की खरीदारी कर सकते हैं।

शॉपिंग

नीलगिरी टॉय ट्रेन

नीलगिरि रेल लाइन पहली बार मेट्टूपालयम से कुन्नूर तक वर्ष 1899 में शुरू हुई थी और बाद में वर्ष 1908 में उधगमंडलम (ऊटकमुंड का पुराना नाम) तक इसका विस्तार किया गया। इस लाइन पर चलने वाली टॉय ट्रेन पर्यटक यात्रियों को 1,069 फीट से 7,228 फीट की ऊंचाई पर ले जाती है। यह रेल नेटवर्क एशिया की सबसे मुश्किल ढलानों में बनी रेल लाइनों में से एक है। यह रेलवे लाइन मेट्टुपालयम से ऊटकमुंड तक कुल 48 किमी लंबी है, जो रास्ते में केलार, कुन्नूर, वेलिंगटन और लॉडेल से होकर गुज़रती है। यह मार्ग अत्यंत सुंदर और लुभावना है। इस टॉय ट्रेन में बैठ बैठे आप आसपास के चट्टानी इलाके, खड्डों और हरी-भरी पहाड़ियों के मनोरम दृश्यों को देख सकते हैं।

नीलगिरी टॉय ट्रेन

डियर पार्क

ऊटी झील के किनारे, 22 एकड़ हरे-भरे क्षेत्र में फैला यह भारत का सबसे अधिक ऊंचाई वाला पशु उद्यान है। यह हिरण पार्क वर्ष 1986 में जनता के लिए खोला गया था। इसका रखरखाव तमिलनाडु वन विभाग द्वारा किया जाता है। यह एक अनोखा जंगल है, जहां प्राकृतिक आवास में पशु वैज्ञानिक हिरण के बारे में अध्ययन कर सकते हैं, पर्यटकों को यहां एक बार जरूर जाना चाहिए। हिरण के अलावा, पार्क में प्राकृतिक रूप से विकसित दुर्लभ वनस्पतियां भी हैं। यहां मिलने वाले अच्छे गाइड के साथ यहां रहने वाले वन्यजीवों को खुद देखें और अपनी जानकारी बढ़ाएं। कई प्रजातियों जैसे सांभर हिरण, चीतल हिरण, खरगोश और पानी के अन्य पक्षी यहां पाले जाते हैं।

डियर पार्क

गवर्नमेंट ट्राइबल म्युजियम

ऊटकमुंड में जनजातीय अनुसंधान केंद्र के भीतर स्थित एक सरकारी वित्त पोषित और संरक्षित संग्रहालय है। ऊटी-मैसूर रोड पर स्थित, इस संग्रहालय का निर्माण वर्ष 1989 में किया गया था। यहां प्रदर्शित वस्तुओं का चयन 18 जनजातियों के इतिहास और विरासत को प्रस्तुत करने की उम्मीद से की गई हैं, जिन्होंने ऊटकमुंड को अलग-अलग समय पर अपना घर बनाया, या यहां बस गए, खासकर टोडा जनजाति। संग्रहालय में आदिवासी जीवन की रोजमर्रा की वस्तुएं, जिले के पारिस्थितिक विवरण, तमिलनाडु की विविध मूर्तिकला, कला और शिल्प से जुड़े कार्य को प्रदर्शित किया गया है। यहां टोडा आदिवासी के द्वारा बलिदान किए गए भैंसों की खोपड़ी, मॉडल आदिवासी झोपड़ियों जैसी कलाकृतियों के बारे में अंग्रेजी में विस्तृत विवरण दिया गया है।

गवर्नमेंट ट्राइबल म्युजियम