मथुरा में मुख्य तीर्थ स्थान कृष्ण-जन्म भूमि मंदिर है। इसके बारे में कहा जाता है कि यह जेल की उस कोठरी के चारों ओर बनाया गया है, जहां भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। इसे भगवान कृष्ण की प्रसिद्ध गाथा का केंद्र बिंदु माना जाता है। इन गाथाओं में से एक गाथा में यह बताया जाता है कि मंदिर का निर्माण कृष्ण के महान पोते वज्रनाभ ने करवाया था। माना जाता है कि ईसा पूर्व छठीं शताब्दी में इसका निर्माण किया गया था। यह भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है, जो अपने प्रिय देव का आशीर्वाद प्राप्त करने यहां आते हैं और कुछ दिन यहां ठहरते हैं।
पिछली कई सदियों में कई बार इस मंदिर का जीर्णाद्धार किया गया है। क्योंकि इस भूमि ने कई शासकों को देखा है। मंदिरों का वर्तमान समूह बीसवीं शताब्दी में किए गए प्रमुख जीर्णाद्धार परियोजना का परिणाम है और अब इसमें भगवान केशव के जन्म-स्थान के रूप में स्थित गर्भ गृह के साथ-साथ प्रभावशाली केशव देव मंदिर और भागवत भवन भी स्थित हैं।
इस मंदिर परिसर में जाने के लिए एक संकरी सड़क से होकर जाना पड़ता है, जिसके दोनों ओर धार्मिक साज-सामान बेचने वाली दुकानें हैं। भगवान कृष्ण को समर्पित परिसर में एक छोटा मंदिर है। मंदिर के अंदर की मूर्ति आभूषण से सुशोभित है। परिसर के भीतर एक कुआं भी है, जिसके बारे में यह माना जाता है कि उसी से जेल के कैदियों को पानी पिलाया जाता था। कृष्ण जन्म-भूमि मंदिर में भी भगवान कृष्ण और देवी राधा की मूर्तियों के साथ-साथ भगवान कृष्ण की लीलाओं को चित्रित किया गया है।
यहां जाने पर तीन मुख्य मंदिरों के दर्शन अवश्य करने चाहिए। केशव देव मंदिर का निर्माण वर्ष 1958 में रामकृष्ण डालमियां ने अपनी मां जैड्यिा देवी डालमियां की स्मृति में बनवाया। गर्भ गृह या आठ सहस्र योगमाया (नंद बाबा की कन्या) को समर्पित है। इसमें संगमरमर का मंडप और भूमिगत जेल कक्ष है, जो भगवान कृष्ण के कृपा पूर्ण जन्म को रेखांकित करता है। अंत में वर्ष 1982 में पूरा हुआ भागवत भवन श्रीमद् भागवत को समर्पित है।
मुख्य मंदिर में भगवान कृष्ण और देवी राधा की छः फुट ऊंची प्रतिमाएं हैं। इसके अलावा इस भवन में पांच अन्य मंदिर हैं। भगवान बलराम, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ इस मंदिर के दाहिनी ओर विराजमान हैं और भगवान राम, भगवान लक्ष्मण और देवी सीता इस मंदिर के बांयी ओर विराजमान हैं तथा भगवान हनुमान भगवान राम के मंदिर के आगे विराजमान हैं। यहां देवी दुर्गा को समर्पित मंदिर और एक शिवलिंग भी देखा जा सकता है। ये सब कृष्ण जन्म भूमि परिसर में स्थित हैं। यहां अन्य भवन भी स्थित हैं। यथा एक पुस्तकालय, एक आयुर्वेद भवन और आगंतुकों के लिए एक अंतरराष्ट्रीय अतिथि गृह भी है।

अन्य आकर्षण