यह मंदिर देवी शक्ति को समर्पित है जिसे मंगलादेवी के रूप में पूजा जाता है। मंगलादेवी मंदिर इस क्षेत्र का प्रतिष्ठित स्थल है। गर्भगृह में देवी की एक मूर्ति विद्यमान है, जहां वह बैठी हुई मुद्रा में दिखाई देती हैं। मुख्य गर्भगृह के आसपास अन्य देवताओं को समर्पित मंदिर हैं। इस मंदिर का निर्माण ऐपा वंश के राजा कुंदवर्मन ने 9वीं सदी में केरल वास्तुशैली में करवाया था। यह मंदिर विशाल पत्थर से बना हुआ है, जिसमें अनेक शिलालेख विद्यमान हैं। यह मंदिर पेरियार राष्ट्रीय उद्यान की सीमा पर स्थित है तथा आसपास स्थित पश्चिमी घाटों के सुंदर परिदृश्य देखने को मिलते हैं।

किंवदंती के अनुसार इस मंदिर का निर्माण भगवान विष्णु के 10वें अवतार परशुराम ने करवाया था। बाद में इसका जीर्णोद्धार एवं इसे विस्तार राजा कुंदवर्मन ने दिया था।

इस मंदिर के कपाट जनता के लिए वर्ष में एक बार अप्रैल एवं मई में आयोजित होने वाले चित्रा पौरनामी के अवसर पर खोले जाते हैं। पूर्णिमा की रात को पुरोहित मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन करवाते हैं।

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