आप प्रकृति व पर्यावरण प्रेमी हैं तो मेगामलाई नाम की यह जगह आपके लिए बहुत ख़ास है। इस क्षेत्र में आबद्ध विशाल चाय सम्पदा और इलायची बागानों से घिरा हुआ है मेगामलाई एक ऐसा रमणीय पर्यावरण केन्द्रित स्थान है, जिसे अपने अनछुए जंगलों और प्राचीन झरनों के लिए दूर-दूर तक जाना जाता है। इस क्षेत्र में 100 से अधिक पक्षियों की प्रजातियों की पहचान की गई है, जिनमें भारतीय धनेश पक्षी, सिपाही बुलबुल, चितकबरा कबूतर और नीली गौरेया शामिल हैं, और यदि आप पक्षी-प्रेमी हैं तो विश्वास रखें इस जगह को स्वर्ग से कम नहीं पाएँगे। हैरान करने वाली जानकारी है कि महान पक्षी विशेषज्ञ सलीम अली द्वारा खोजे गए दुर्लभतम प्रकार के चमगादड़ ‘फ्रूट बैट’ विशेष रूप से इसी मेगामलाई क्षेत्र में ही पाया जाता है। 

और यदि रोमांच का शौक़ रखते हैं आप, तो मेगामलाई में आप एक विशेष रोमांचक अनुभव लेने के लिए यहाँ के जंगलों और चाय बागानों में से गुज़रते हुए पैदल यात्रा ज़रूर करें; पूरी सम्भावना है कि इस यात्रा के दौरान आप भारतीय गौर, जंगली सूअर, हाथी, तेंदुए और यहां तक ​​कि बाघ जैसे जानवरों को ज़रूर देख सकेंगे। मदुरै से मात्र 130 किमी की दूरी पर स्थित मेगामलाई थेनी जिले में स्थित है, और ‘हाई वेवी माउंटेन्स’ या ऊँचे, लहराते पहाड़ों के रूप में जगविख्यात है।

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