बांकुरा, कोलकाता से लगभग 200 किलोमीटर दूर स्थित है। यह अपने सुंदर टेराकोटा मंदिर, हरे-भरे जंगल, प्राकृतिक दृश्य और समृद्ध कला तथा वास्तुकला के कारण पर्यटकों को विशेष रूप से आकर्षित करता है। पहाड़ियों की बीहड़ स्थलाकृति से संपन्न, बांकुड़ा ऊंचाई पर चढ़ने वाले यात्रियों (ट्रेकर्स) और लंबी दूरी की पैदल यात्रा करने वाले यात्रियों (हाइकर्स) को विशेष रूप से लुभाता है। बांकुरा मंदिरों के शहर के रूप में प्रसिद्ध है। यहां का सिद्धेश्वर मंदिर बहुत ही लोकप्रिय है, पर्यटकों को यहां अवश्य जाना चाहिए। पर्यटक सुसुनिया हिल, बिहारीनाथ हिल और कोको हिल भी जा सकते हैं। यहां का एक प्रमुख आकर्षण है, बांकुरा के प्रसिद्ध घोड़े, जो धार्मिक और सजावटी दोनों उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं। वे टेराकोटा शिल्प कौशल का एक बेहतरीन उदाहरण हैं और अपनी सीधी गर्दन तथा नुकीले कानों से पहचाने जाते हैं। ये घोड़े आमतौर पर छह इंच से चार फीट तक की ऊंचाई के होते हैं और इनमें चौड़े जबड़े होते हैं। आप पश्चिम बंगाल के बिष्णुपुर, नाकायजुरी, कमारडीहा और बिबोडा इलाके में इन चीजों की खरीदारी कर सकते हैं।
बांकुरा से थोड़ी ही दूर पर स्थित है बिष्णुपुर, जो मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। यहां का मुख्य आकर्षण मदनमोहन मंदिर है। गोवर्धन पूजा या अन्नकूट के दौरान, यहां पर बहुत बड़ी भीड़ एकत्रित होती है। मंदिर के शिखर से फेंके गए पवित्र अनाज और चावल के प्रसाद को एकत्रित करने के लिए सैकड़ों लोगों का इकट्ठा होना और प्रसाद के लिए कपड़े फैलाना, अपने आप में यह एक शानदार दृश्य होता है।
जयरामबती मंदिर, जो रामकृष्ण मठ की मां शारदा देवी को समर्पित है, यह एक और लोकप्रिय आकर्षण है।

अन्य आकर्षण