कोलकाता में बर्तनए सजावट के सामान और घरेलू जरुरत की वस्तुएं बनाने के लिए पीतल और कांसे का व्यापक उपयोग होता है। यह दुर्लभ कला पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही हैए आज भी इन पीतल और कांसे से बने वस्तुओं की लोग खरीददारी करते हैं। यहां आज भी आप पाईध्पैली खरीद सकते हैंए यह पीतल का काम किया हुआ लकड़ी का एक बर्तन होता हैए जिससे अनाज मापने का काम होता है। सामान्यतः यह आठ के सेट में आता है और घरेलू सजावट के उद्देश्यों के अतिरिक्त इसका प्रयोग धान और चावल आदि को मापने के लिए भी किया जाता है।मुर्शिदाबाद में खगड़ा के कारीगरों को उनके चमकदार और बढ़िया फिनिश वाले सुंदर उत्पादों के लिए जाना जाता है। बांकुड़ा जिले में घाटल और पुरुलिया के शिल्पकार विशाल वस्तुओं को उत्कृष्ट ढंग से गढ़ने के लिए प्रसिद्ध हैं। चन्द्रपुर के शिल्पकारों में धातु से बनी देवियों और उनकी मूर्तियों के मस्तक गढ़ने का प्रशंसनीय कौशल हैं।

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