कालीघाट चित्रकला या कालीघाट पट एक कला रूप हैए जो 19वीं शताब्दी के प्रारंभ में कोलकाता के प्रसिद्ध कालीघाट के काली मंदिर के आसपास विकसित हुआ। इस चित्रकला का अभ्यास पटुआ नामक कलाकार किया करते थे। उन्होंने इन चित्रों में देवीण्देवताओं की लीलाओं से लेकर कलकत्ते के बाबुओं पर होने वाले व्यंग्य को बंगाली जीवन शैली में चित्रित किया है। इस कला के मुख्य विषय थेय झाड़ू से अपना बचाव करती गृहणियांए वीणा यएक वाद्य यंत्रद्ध और तबला बजाती स्त्रियां और कुछ को तो उनमें वस्त्र पहनते हुए दिखाया गया है। इनके प्रमुख दृश्य धार्मिक और पौराणिक कहानियों के हैं। आप इनमें रानी लक्ष्मीबाई जैसी ऐतिहासिक व्यक्तित्व के साथण्साथ पशुण्पक्षियों के चित्र भी देख सकते हैं। अंततः कालीघाट पट से प्रेरित प्राकृतिक रंग से रंगी लकड़ी का काम और 

अन्य आकर्षण