अद्भुत और दृश्यात्मक परिवेश के कारण नागरकोविल तमिलनाडु का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह अरब सागर से घिरा पश्चिमी घाट का यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। हरी-भरी भूमि, वृक्षों से लदी पहाड़ियाँ तथा गहरा नील सागर नागरकोविल की सुन्दरता में चार चाँद लगा देते हैं। यहाँ का प्रमुख आकर्षण ओलाकरुवी जलप्रपात है जो पश्चिमी घाट की पहाड़ियों में स्थित है। आसपास के दर्शनीय परिवेश से घिरे स्वच्छ दूधिया जल के झाग वाला यह प्रपात प्रकृति और इसके उपहार का आनन्द उठाने का एक आदर्श स्थान है। नागरकोविल इलायची तथा लौंग के वृक्षों से भरा पड़ा है और इन मसालों की सुगन्ध हवा में मिलकर सुखद अनुभूति प्रदान करती है। यह कस्बा पूर्वी तथा पश्चिमी रेलवे के मिलन बिन्दु पर स्थित है।नागरकोविल केवल केरल राज्य के खाद्यान्न कटोरे और त्रावणकोर के अनाज भण्डार के रूप में ही विख्यात नहीं है बल्कि यह 14वीं शताब्दी के पश्चात त्रावणकोर के शासकों के शासनकाल के दौरान मसालों के व्यापार का महत्त्वपूर्ण केन्द्र भी रहा है। वास्तव में यहाँ के व्यापारिक सम्बन्ध इस्लाम-पूर्व काल के अरब सौदागरों से थे। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस स्थान का नाम नागराज मन्दिर (सर्पों के राजा का मन्दिर) के नाम पर पड़ा जो शहर के बीचोबीच स्थित है। सम्पूर्ण देश से हजारों श्रद्धालु प्रतिवर्ष इस मन्दिर के दर्शनों के लिए आते हैं।

अन्य आकर्षण