लगभग 129.33 हेक्टेयर क्षेत्र में स्थित कूंथानकुलम पक्षी विहार कूंथानकुलम गाँव के निकट तिरुनेवेलि से 38 किमी दूर स्थित है। यह पक्षी अभयारण्य दक्षिण भारत का जलीय पक्षियों के प्रजनन का सबसे बड़ा शरणस्थल है। दिसम्बर के महीने में भारी संख्या में प्रवासी पक्षी यहाँ आते हैं और मानसून प्रारम्भ होने से पूर्व जून या जुलाई के महीने तक यहाँ ठहरते हैं। यहाँ पक्षियों की लगभग 35 से अधिक प्रजातियाँ पायी जाती हैं जिनका पर्याप्त संरक्षण ग्रामीणों द्वारा किया जाता है। ग्रामीण लोग पक्षियों को भाग्य का दूत मानते हैं। ग्रामवासी इन पक्षियों के मल को गर्मी के महीनों में एकत्र कर लेते हैं जिन्हें बाद में गाद के साथ मिलाकर खाद के रूप में प्रयोग में लाते हैं। इन पक्षियों में देखने योग्य कुछ प्रमुख नस्लें रंगीन सारस तथा राजहंस हैं।

अन्य आकर्षण