खुरी गाँवए जो जैसलमेर की सीमा पर स्थित है रेत के प्राचीन टीलों से घिरा हुआ है। खुरी में ऊँट की सवारी आप को रेत के लहरदार टीलों से होते हुए मंथर गति से सैर कराएगीए जिससे आप थार रेगिस्तान के विस्तृत और सुंदर नज़ारों का आनंद उठा सकेंगे। यहाँ के अपेक्षाकृत कम खंगाले गए रेत के टीले उन सैलानियों के लिए बहुत बड़ा आकर्षण का केंद्र हैं जो भीड़ भरे पर्यटन स्थलों से हट कर किसी अछूते स्थान की सैर करना चाहते हैं।

जब सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूरज की सुनहरी किरणें हवा के झोंकें के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए रेत पर विभिन्न आकार बनाते हुए रेत पर प्रकाश और छाया का आनुपातिक महाकाव्य रचती हैंए लोग इस इलाक़े की सादगी से भरपूर सीधी सादी ज़िंदगी के प्रति ज़बरदस्त कशिश महसूस करते हैं। पास के गाँव में छितरी हुई सी कच्ची झोपड़ियाँ और एक स्थानीय बाजार है जहां पर्यटक राजस्थानी जीवन के परंपरागत तरीकों को आत्मसात कर सकते हैं। यहाँ कई रिज़ॉर्ट संचालक खूबसूरती से बने हुए विलासिता पूर्ण तंबुओं में रात गुजारने का आमंत्रण देते हैंए जहां स्थानीय कलाकारों की सुंदर प्रस्तुतियाँ होती हैं। इसकी दूरस्थ स्थिति के कारण खुरी में रात के समय कभी कदा होने वाली कैंप फायर के बीच एकांत के वैभव और अबाधित वातावरण का आनंद उठाया जा सकता हैए जहां मेहमानों को शांतिपूर्ण वातावरण में घर का बना खाना परोसा जाता है जो परिपूर्ण रेगिस्तानी अनुभव के लिए तैयार किया जाता है। सैम के रेतीले टीलों में एक निर्जन पथरीला क्षेत्र हैए जिसे व्यापक रूप से शहर के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक माना जाता है। शाम के बाद से लेकर अगली सुबह तक यहाँ के माहौल में कुछ आनंदोत्सव सा घुला रहता है जो एकांत रेगिस्तान के अनुभव की खोज करने वालों के लिए इसे त्याज्य बनाता है। 

अन्य आकर्षण