जीते जागते थार रेगिस्तान की सर्वोत्तम रचना एक शानदार संरचना है जो पीले बलुआ पत्थरों से बनी है और जो जैसलमेर का किला कहलाती है। त्रिकुटा ;तीन चोटियों वालाद्ध पर्वत की चोटी पर स्थित यह भव्य किला सीधा रेगिस्तान से उठता हुआ नज़र आता है और इसका चमचमाता हुआ पथरीला अग्रभाग ऐसा प्रभाव डालता हैए जैसे यह भव्य थार का विस्तार हो। इस स्थापत्य कला के चमत्कार का बेहतरीन नज़ारा सूर्यास्त के समय किया जा सकता है जब ढलते हुए सूरज की रौशनी में किला जलता हुआ सा लगता हैए इसी कारण इसने युनेस्को की विश्व धरोहर की साइट में स्थान बनाया है।

यह किला बड़ी मेहनत से तराशी गई एक संरचना के लिए जाना जाता हैए जिसे राज महल कहते हैं और जो भूतपूर्व राज घराने का निवास स्थान है और जिसमें सुंदर जैन और लक्ष्मीनाथ मंदिर स्थित हैं। इस किले ने ऑस्कर विजेता फिल्म निर्माता सत्यजीत रे के दिल में भी आकर्षण पैदा किया जिन्होंने इसे अपनी एक फिल्म श्सोनार किलाश् या सोने का किला में स्थान दिया। यह प्रभावशाली संरचना 1156 ईस्वी में राजपूत शासक द्वारा बनवाई गईए और जिसे जैसलमेर के आगामी शासकों द्वारा शक्तिशाली बनाया गया। यह किला भाटियोंए दिल्ली के मुग़लों और जोधपुर के राठौरों के बीच हुई कई लड़ाइयों के लिए मशहूर है और इसके चार विशाल दरवाजे हैं। 

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