![दारोजी आलसी भालू अभयारण्य](/content/dam/incredible-india-v2/images/default/incredbleindia-placeholder.jpg/jcr:content/renditions/cq5dam.web.512.288.jpeg 480w,
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दारोजी स्लॉथ भालू अभयारण्य स्थानीय रूप से करड़ी के रूप में पहचाना जाता है, और यह अपने हमनाम, अलसाये भालू / स्लॉथ बीअर का घर है। इसकी उभरी हुई चट्टानें, लुढ़के हुए शिलाखंड और गुफाएं इस जगह को भालू की आबादी के पनपने के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल बनाते हैं। सर्वाहारी होने के चलते, भालू को फल, कंद, शहद, कीड़े और दीमक की भरपेट खुराक मिलती है। अभयारण्य हम्पी से लगभग 15 किमी दूर स्थित है और उत्तरी कर्नाटक का इकलौता अभयारण्य है। कर्नाटक के पूर्वी मैदानों में वर्ष 1994 में स्थापित, अभयारण्य काफी देर से शुरू किया गया था, लेकिन कुछ ही सालाें में अनोखे आलसी भालू के लिए एक भरोसेमंद निवास स्थान साबित हुआ है। अनुमान है कि कोई 120 भालू यहां रहते हैं और हम यहां तेंदुए, लकड़बग्घा, गीदड़, जंगली सूअर, साही, पैंगोलिन/चींटीखोर, स्टार कछुआ, मॉनिटर छिपकली, नेवले, पी-फाउल/मोर, तीतर, पेंटेड स्पर हेन, बटेर आदि भी देख सकते हैं। इस अभयारण्य में पक्षियों की लगभग 90 प्रजातियों और तितलियों की 27 प्रजातियों की पहचान भी की गई है।