इसे कमल महल या चित्रांगिणी महल के नाम से भी जाना जाता है। दो-मंजिला और बहुत शोभनीय संरचना, यह भारत-इस्लामी वास्तुकला की एक अच्छी मिसाल है। स्तंभों पर खूबसूरत बारीक नक्‍काशी विशेष रूप से उल्‍लेखनीय है, विशेष रूप से मेहराबों के ऊपर मकरा तोरण जो अभी भी उनमें से कुछ पर देखा जा सकता है।

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