कूनो पालपुर अभयारण्य

घने पतझड़ी पेड़ों के साथ, विंध्य श्रृंखला में फैले घास के मैदानों से घिरा कूनो पालपुर वन्यजीव अभयारण्य लुप्तप्रायः एशियाई शेरों का घर है। यह केवल वनस्पतियों एवं वन्यजीवों की विभिन्न प्रजातियों का ही घर नहीं है, यह अभयारण्य कूनो नदी की घाटी में स्थित है तथा यह नदी अभयारण्य में व्याप्त है। वर्ष 1981 में इसे अभयारण्य घोषित किया गया था, 345 वर्ग किलोमीटर में व्याप्त यह अभयारण्य वन्यजीवों को देखने तथा कूनो नदी में नौका विहार का भी उपयुक्त स्थल है। यह अनेक प्रवासी पक्षियों का भी घर है, अभयारण्य आकर उन्हें देखा जा सकता है। 

कूनो पालपुर अभयारण्य

घाटीगांव अभयारण्य

मध्य प्रदेश के बीचोबीच हरा-भरा घाटीगांव अभयारण्य स्थित है जो ग्रेट इंडियन बस्टर्ड सैंचुरी भी कहलाता है। यहां पर काला हिरण, चीतल, भेड़िया एवं जंगली सूअर जैसे वन्यजीवों की अनेक प्रजातियां देखने को मिलती हैं तथा ब्लू बेल एवं बड़े शुतुरमुर्ग जैसा ग्रेट इंडियन बस्टर्ड जैसे अनेक पक्षी रहते हैं। वर्ष 1981 में स्थापित यह उद्यान ग्वालियर से लगभग 70 किलोमीटर दूर स्थित है जो 512 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इसकी सीमा पर धुआं हनुमान मंदिर एवं गुप्तेश्वर मंदिर समेत अनेक मंदिर बने हुए हैं। 

घाटीगांव अभयारण्य

राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य

चम्बल नदी के पारिस्थितिकी तंत्र को सुरक्षित रखने की दिशा में राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य बनाया गया था। यह राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल अभयारण्य भी कहलाता है जो गंगा में पाई जाने वाली डॉल्फिन, घड़ियाल (भारत में पाया जाने वाला एक प्रकार का मगरमच्छ), मगरमच्छ एवं साफ पानी के कछुओं के लिए प्रसिद्ध है। उत्तर प्रदेश में यह अभयारण्य चम्बल नदी के 400 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसका आरंभ राजस्थान के कोटा बैराज से होता है। वर्ष 1979 में इसे राष्ट्रीय अभयारण्य घोषित किया गया था जो तीन राज्योंः मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान में फैला हुआ है। कोई भी यहां पर पक्षियों की विविध प्रजातियां देख सकता है तथा अब तक प्रवासी एवं यहां रहने वाले पक्षियों की 290 से अधिक प्रजातियां की पहचान की जा चुकी हैं। इस अभयारण्य का मुख्य आकर्षण राजहंस हैं जो नवम्बर में यहां आते हैं और मई तक रहते हैं। अभयारण्य आने वाले पर्यटक मोटर बोट की सवारी के दौरान प्राकृतिक नज़ारों का आनंद ले सकते हैं। इसकी विशेष व्यवस्था मध्य प्रदेश के वन्य विभाग द्वारा कराई गई है। यह अभयारण्य ग्वालियर से 105 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 

राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य