हिमालय पर्वतों के बीच बसा गंगोत्री हिन्दुओं के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले चार धाम तीर्थों में से एक है। मां गंगा को समर्पित यह मंदिर श्रद्धालुओं के दिलों में एक बहुत ही विशेष स्थान रखता हैI

उत्तराखंड राज्य में समुद्र तल से लगभग तीन हजार एक सौ मीटर की ऊंचाई पर स्थित गंगोत्री मंदिर को मां गंगा के मंदिरों में सबसे ज्यादा ऊंचाई पर स्थित होने का गौरव प्राप्त है। अठारहवीं सदी में एक गोरखा सेनानायक द्वारा निर्मित यह मंदिर सफेद पत्थर से बनी बीस फुट ऊंची भव्य संरचना है। यह भागीरथी शिला नाम की उस पवित्र चट्टान के समीप ही है जिसके बारे में मान्यता है कि पुराणों में वर्णित राजा भागीरथ ने वहां बैठ कर तपस्या की थी। माना जाता है कि यहीं पर गंगा नदी का स्वर्ग से धरती पर अवतरण हुआ था। एक अन्य मान्यता यह भी है कि यहीं पर ही महाभारत के युद्ध में अपने परिजनों की मृत्यु के प्रायश्चित स्वरूप पांडवों ने देव यज्ञ का आयोजन किया था। गंगोत्री मंदिर मई माह में खुलता है और दिवाली के दिन बंद हो जाता है।

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