ऐसा कहा जाता है कि कपिलवस्तु नाम के इस महत्वपूर्ण बौद्ध तीर्थस्थल पर भगवान बुद्ध के पिता शुद्धोधन का शासन था। अपने जीवन के प्रारंभ में राजकुमार गौतम के नाम से प्रसिद्ध भगवान बुद्ध 29 साल की उम्र में इस महल को छोड़ कर ज्ञान प्राप्त करने के लिए निकल गए, और 12 वर्ष बाद ज्ञान प्राप्त कर के ही लौटे। यहाँ भ्रमण करने के लिए सबसे अच्छा समय तब होता है जब प्रत्येक वर्ष 29 दिसंबर से 31 दिसंबर तक यहाँ भव्य कपिलवस्तु बुद्ध महोत्सव आयोजित किया जाता है। यहाँ का सबसे लोकप्रिय आकर्षण मुख्य स्तूप का पुरातात्विक स्थल है जिसे सत्तर के दशक में किए गए उत्खनन के दौरान खोजा गया था। इस उत्खनन में कई मुहरों और अन्य ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण सामग्रियों की भी खोज की गई थी। कहा जाता है कि इस स्तूप का पुनर्निर्माण कुषाण शासक कनिष्क ने किया था, जो बौद्ध धर्म के महान संरक्षक थे। पर्यटक राजा शुद्धोधन के महल के खंडहरों की भी यात्रा कर सकते हैं, जिन्हें उत्खनन के दौरान खोजा गया था। कपिलवस्तु अयोध्या से 210 किमी की दूरी पर स्थित है और पर्यटन के लिए एक बेहतरीन जगह है।

अन्य आकर्षण