आध्यात्मिकता और इतिहास के रस में डूबा हुआ गोरखपुर अपने वजूद में एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत समेटे हुए है। अयोध्या से लगभग 13 घंटे की दूरी पर स्थित यह शहर संत गोरक्षनाथ के मंदिर के लिए जाना जाता है, जिन्होंने यहां तपस्या की थी और जिनके नाम से प्रेरणा लेकर इस शहर का नाम रखा गया। गोरखपुर के आसपास कई आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, पुरातात्विक और प्राकृतिक स्थल हैं जिनका नाम संत गोरखनाथ के नाम पर ही रखा गया है। यह शहर अनेकों मंदिरों का गढ़ है, जिनमें से सबसे प्रमुख आरोग्य मंदिर है जो प्राकृतिक चिकित्सा का केन्द्र है। पर्यटक गोरखपुर मंदिर और रामगढ़ ताल नामक 700 हेक्टेयर में फैली एक शांत झील का भी अवलोकन कर सकते हैं। आगंतुक सल और सेकोइया पेड़ों के घने एवं विस्तृत जंगल कुशमी वन में भी जा सकते हैं। यहाँ का एक और उल्लेखनीय स्थान वीर बहादुर सिंह तारामंडल है। साथ ही यह शहर भगवद गीता का प्रकाशन करने वाले गोरखपुर प्रेस के लिए भी प्रसिद्ध हैI

लखनऊ से लगभग 250 किमी दूर स्थित गोरखपुर पूर्वी उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण शहर है। यह पहले मौर्य, कुषाण, शुंग और गुप्त साम्राज्यों का एक हिस्सा था।

अन्य आकर्षण