अयोध्या का एक लोकप्रिय आकर्षण त्रेता-के-ठाकुर मंदिर है जो भगवान राम को समर्पित है। हिंदू धर्म के अनुसार मानव जाति के चार युगों में से दूसरे युग त्रेता में अवतरित हुए श्रीराम को भगवान के रूप में जाना व माना जाता है । अयोध्या के नया घाट पर स्थित यह मंदिर 300 साल पहले कुल्लू के राजा द्वारा बनाया गया था और काफी धार्मिक महत्व रखने के साथ ही बड़ी संख्या में भक्तों को आकर्षित करता है। किंवदंती है कि भगवान राम ने रावण नमक राक्षस पर अपनी जीत का जश्न मनाने के लिए यहाँ अश्वमेध यज्ञ का संचालन किया था। इस मंदिर में भगवान राम, देवी सीता, भगवान लक्ष्मण, भगवान हनुमान और पवित्र रामायण में वर्णित अनेक अन्य महत्वपूर्ण पौराणिक देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं। इन मूर्तियों को काले पत्थर के एक ही खंड से उकेरा गया है। इस मंदिर में जाने का सबसे अच्छा समय हिन्दू पंचांग के कार्तिक मास (अक्टूबर-नवंबर) के दौरान होता है, जब मास के ग्यारहवें दिन अर्थात एकादशी को यहाँ भक्तों का बड़ा जनसमूह एकत्रित होता है।

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