![गुप्तार घाट](/content/dam/incredibleindia/images/places/ayodhya/ayodhya-guptar-ghat-30.jpg/jcr:content/renditions/cq5dam.web.1800.600.jpeg)
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सरयू नदी के तट पर स्थित, गुप्तार घाट का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। पौराणिक कथा के अनुसार, यही वह जगह थी जहाँ भगवान राम ने पृथ्वी को त्यागने और अपने मूल निवास 'वैकुण्ठ' में वापस जाने के लिए अपनी जल समाधि ली थी । भक्तों के बीच यह मान्यता है कि इस घाट पर सरयू नदी में डुबकी लगाने से उनके पाप धुल जाते हैं और उन्हें सांसारिक चिंताओं से मुक्ति प्राप्त होती है। यह घाट भगवान राम के नाम के मंत्रों से सदैव गूंजता रहता है और यहाँ भक्तजन और पुजारी उनकी प्रशंसा में भजन गाते हैं। पर्यटक गुप्तार घाट के पास स्थित राजा मंदिर और चक्र हरजी विष्णु मंदिर भी जा सकते हैं। इस घाट पर राम जानकी, चरण पादुका, नरसिंह और हनुमानजी के प्रसिद्ध मंदिर भी स्थित हैं। इन सुव्यवस्थित घाटों का निर्माण राजा दर्शन सिंह ने 19 वीं शताब्दी के पहले भाग के दौरान करवाया था।