नारियल के खोल

नारियल के खोल का उपयोग सजावट और अलंकरण की वस्तुओं को बनाने के लिए किया जाता है। इनमें से कुछ वस्तुएं हैंरू टेबल लैंपए फिंगर बाउल और आभूषण। ये वस्तुएं धीरे.धीरे अपनी पहचान बना रही हैं और जल्द ही निर्यात के लिए इन्हें बाज़ार मिल सकता है।

नारियल के खोल

क्रॉसबो

यहां पर बना क्रॉसबो पर्यटकों को अपनी नवीनता के कारण आकर्षित करता है। यह एक कार्यात्मक शिल्प है जिसके केंद्र में लकड़ी की एक बीम होती हैए और इसमें तीर और तरकश रखने के लिए खांचे और लोहे के छोर भी होते हैं।

क्रॉसबो

बेंत और बांस

बेंत और बांस का काम अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भी लोकप्रिय है। आमतौर पर यहां बेंत और बांस का काम केरल और आंध्र प्रदेश से आकर यहां बस जाने वाले लोगों द्वारा किया जाता है। पतली टहनियों से बनाई गई बेंत की टोकरियां यहां बहुत पसंद की जाती हैं।

बेंत और बांस

शेल क्राफ्टिंग

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के विशाल समुद्र तट सीपों से भरे हुए हैंए जिनका उपयोग सुंदर वस्तुएं बनाने के लिए किया जाता है। इन सीपों से सजावटी सामान जैसे टेबल लैंपए सजावटी सामानए बॉक्स और आभूषण के साथ.साथ चूड़ियां और नेकपीस भी बनाए जाते हैं। यहां मिलने वाले शंख और कछुए के खोल सबसे मूल्यवान हैं। ये खोल बड़े से छोटे सभी आकार में पाए जाते हैं और बेहद ही सुंदर होते हैं। यहां की शिल्प कला के कारणए यह तेजी से एक व्यावसायिक केंद्र बन रहा है और स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान कर रहा है।

शेल क्राफ्टिंग

लकड़ी से बनी वस्तुएं

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के स्थानीय शिल्पों में लकड़ी की कारीगरी भी खासी प्रसिद्ध है। लकड़ी से बनी कई वस्तुएं और फर्नीचर यहां बेचे जाते हैं। सजावटी लकड़ी जैसे चुईए पादुक और मार्बलवुड से बने सामान यहां काफी लोकप्रिय हैं। पादुक बर्र का उपयोग ज्यादातर टेबल के ऊपरी हिस्से को बनाने के लिए किया जाता हैए जो कि एक सुंदर कृति है। यहां की एक और खासियत ड्रिफ्टवुड नामक लकड़ी हैए जो धाराओं और समुद्र के प्रवाह से अपना एक अलग आकार ले लेती है। इसका उपयोग कलात्मक वस्तुओं को बनाने में किया जाता हैय जो देखने मे वाकई सुंदर लगती हैं। इसका उपयोग घरों के निर्माण के साथ.साथ डोंगी और बाड़ लगाने में भी किया जाता है।

लकड़ी से बनी वस्तुएं

ताड़ की चटाई

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के तटीय क्षेत्र में ताड़ के वृक्षों की काफी भरमार हैए जो ताड़ के फाइबर का एक समृद्ध स्रोत है। इसी से ताड़ की चटाइयां बनाई जाती हैं। यहां के ताड़ के पेड़ से बनी चटाइयां काफी लोकप्रिय हैंए जिन्हें डॉर्मेट या सीटिंग मैट के रूप में उनका उपयोग किया जाता है। ये मैट पारंपरिक तौर से बनाई गई हस्तशिल्प कला का बेहतरीन उदाहरण हैंए जो सजावट की सुंदरता को और अधिक बढ़ाते हैं। इन्हें महिलाएं आमतौर पर अपने खाली समय में तैयार करती हैं और ये चटाइयां पांडनूस के पत्तों और नारियल के तनों से बनाई जाती हैं। इन चटाइयों की बनावट हल्की और मुलायम होती है।

ताड़ की चटाई