भारत में अन्य कई कल्याणकारी कलाओं का भी खजाना छुपा है, और वे सभी सदियों पुरानी, देखी परखी तकनीकों के प्रयोग से आत्मत्व की खोज और उपचार का वादा करते हैं। इनमें से एक प्राकृतिक चिकित्सा का विज्ञान भी है जिसका उद्देश्य बिना दवाओं की सहायता के बीमारियों का इलाज करना है, जो वह आहार पर संयम रख कर, व्यायाम और मालिश द्वारा करता है।

इसमें पूरे शरीर की शुद्धि के लिए एक उपचार पद्धति, जिसे पंचकर्म कहते हैं, बहुत प्रसिद्ध है, और यह कर्नाटक में स्थित पतंजलि आरोग्यधर्म का मुख्य कर्म है, जो एक प्रकृतिक चिकित्सा केंद्र है। इस केंद्र में तनाव मुक्ति के उपचार के साथ ही साथ रोज़-मर्रा के तनाव से छुटकारा पाने के लिए योग की कक्षाओं का संचालन किया जाता है तथा पौष्टिक आहार के नियोजन के द्वारा यौवन के पुनर्स्थापन का ताजगी भरा अनुभव कराया जाता है।

बिरला नेचुरोपैथी और योग केंद्र, जो राजस्थान में स्थित है आयुर्वेद और प्राकृतिक दोनों चिकित्सा पद्धतियों को मिला कर सर्वांगीण उपचार पद्धति प्रस्तुत करता है। यह स्वास्थ्य अवकाश के लिए आदर्श स्थान है। यहाँ पर्यटक कीचड़ स्नान, एक्यूपंक्चर तथा एक्यूप्रेशर के साथ विशिष्ट भौतिक चिकित्सा का अनुभव ले सकते हैं जो उन्हें पुराने से पुराने दर्द से छुटकारा दिलाता है।

आयुष मंत्रालय, भारत सरकार का नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नेचुरोपैथी (एनआईएन) पुणे में स्थित है, और पूरे देश में तथा विदेशों में भी प्राकृतिक चिकित्सा के बारे में ज्ञान और जागरूकता के प्रसार के लिए अपने बेहतरीन काम के कारण विख्यात है।

प्राकृतिक चिकित्सा के कुछ और महत्वपूर्ण केंद्र हैं, कर्नाटक के बैंगलुरु में सौक्या होलिस्टिक हैल्थ सेंटर और गुजरात में निम्बा नेचर क्योर गाँव।

ऐसा आकर्षक प्रस्ताव जिसका उद्देश्य आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य की पुनर्स्थापना तथा आपको अपनी सच्ची संभावनाओं का ज्ञान कराना हो, आपको और कहाँ मिलेगा। वर्षा वनों से घिरा हुआ सुंदर वातावरण, आमंत्रित करती हुई संस्कृति, हमारे लोगों की गर्मजोशी, निश्चित तौर पर आपको कई तरह से लाभान्वित करेंगे।