हिंदुओं के इस त्योहार पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिवस बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। वैसे तो यह पर्व देशभर में मनाया जाता है किंतु मथुरा और वृंदावन में इसकी रौनक देखने लायक होती है। यहीं पर भगवान श्रीकृष्ण का बचपन बीता था। श्रद्धालुगण इस दिन नए वस्त्र पहनते हैं। वे पूरे दिन भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं। वे भगवान की मूर्ति को जल व दूध से स्नान कराते हैं और मंदिर जाते हैं। सभी मंदिर इस विशेष दिन पर बहुत सजे-धजे होते हैं। इन पर्व की विशेषताओं में से एक यह भी है कि मंदिरों में कृष्णालीला से संबंधित झांकियां दिखाई जाती हैं। भक्तगण वहां पर पालने में लेटे हुए कृष्ण की मूर्ति को भी झुलाते हैं। भगवान कृष्ण की मूर्तियों को आभूषणों से भी सजाया जाता है। एक अन्य अनुष्ठान में कहीं-कहीं सड़कों पर दही हांडी लगा दी जाती हैं। ऊंचाई पर लगी इन हांडियों को युवा मानव पिरामिड बनाकर सिर से तोड़ते हैं। भगवान कृष्ण भी बचपन में यही किया करते थे। इस अवसर पर लोग भजन-कीर्तन गाते और नृत्य भी करते हैं।
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