नाशपाती के आकार वाली और अरावली रेंज की हरी-भरी पहाड़ियों से घिरी, फतेह सागर झील उदयपुर की सबसे शांत जगहों में से एक है। मोती मगरी पहाड़ी के ठीक बगल में मौजूद इस झील का निर्माण वर्ष 1678 में महाराणा जय सिंह ने करवाया था। इसका नाम महाराणा फ़तेह सिंह के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने आगे चलके इसको और बड़ा करवाया था। फतेह सागर, जो कि जयसमंद के बाद उदयपुर की दूसरी सबसे बड़ी आर्टिफिशियल झील है, जो 2.4 किमी लंबी, 1.6 किमी चौड़ी और 11.5 मीटर गहरी है। इसको अच्छे से प्लान करके बनवाया गया था। इसमे तीन इन्टेक चैनल हैं और एक ओवरफ्लो चैनल भी है जो मानसून के दौरान जल प्रवाह को बनाए रखने में मदद करता है। इसमें मौजूद तीन छोटे द्वीप इसकी सुंदरता को और भी बढ़ा देते हैं। झील का सबसे बड़ा द्वीप नेहरू पार्क है और इसमें एक रेस्तरां और एक छोटा चिड़ियाघर है। राज्य सरकार ने दूसरे द्वीप को एक सार्वजनिक पार्क में बदल दिया है और तीसरे द्वीप में एक सोलर-ऑब्ज़र्विंग साइट है जो एशिया में ऐसी सबसे बड़ी साइट्स में से एक है, जिसे उदयपुर सोलर-ऑबजर्वट्री कहा जाता है। मोती मगरी हिल के नीचे से, आप इसके नज़ारों का आनंद लेने के लिए पैडल बोट या मोटर बोट किराए पर ले सकते हैं।

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