स्वर्ग आश्रम से दो किलोमीटर की दूरी पर प्रसिद्ध लक्ष्मण झूला स्थित है। लोहे की तारों से बना यह सेतु लगभग 450 फुट लंबा है। भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण के नाम पर रखे गए इस पुल के दोनों ओर कई मंदिर हैं, जिनमें तपोवन स्थित लक्ष्मण मंदिर भी है। पूरा पुल लोहे से बना हुआ है तथा यह गंगा नदी से 70 फुट की ऊंचाई पर बना हुआ है। वर्ष 1939 में बना यह झूला ऋषिकेश के बेहद प्रतिष्ठित स्थलों में से एक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान लक्ष्मण ने जूट के रस्सियों से बने पुल की मदद से गंगा नदी को पार किया था और तभी से इस पुल का नाम उनके सम्मान रखा गया।

हल्के-हल्के हिचकोले खाते इस पुल को पार करते हुए पर्यटकों को रोमांचकारी अनुभव मिलता है, जहां से आसपास के परिदृश्यों का चित्रमय अवलोकन होता है। इस झूले के आसपास अनेक मंदिर एवं प्रसिद्ध बाज़ार स्थित हैं, जिनके कारण यह ऋषिकेश का लोकप्रिय आकर्षण बन गया है। यहां की सैर के दौरान, पर्यटक इस पुल के निकट स्थित 13 मंज़िल मंदिर, राम झूला एवं लक्ष्मण मंदिर भी देख सकते हैं। 

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