तिब्बती वास्तुकला शैली में बना यह मठ, सिक्किम के सबसे पुराने मठों में से एक है। इसमें 17 वीं शताब्दी की बनी कई प्राचीन पेंटिंग, सामग्रियों और मिट्टी की बनी मूर्तियां हैं। यह मठ बौद्ध भक्तों के लिए महत्वपूर्ण विरासत स्थल है। इसे 1697 ई. में लामा ल्हाटस चेंपो द्वारा बनावाया गया था। ऐसा माना जाता है कि प्राचीन काल में यहां गुप्त मन्त्रों की शिक्षा दी जाती थी। ग्रेट हिमालय की सुरम्य पृष्ठभूमि और शानदार प्राकृतिक दृश्यों के बीच यह मठ स्थित है। मठ में पुरुषों का प्रवेश वर्जित है। भूटिया और लेप्चा समुदाय के सदस्यों के अलावा किसी को भी इस मठ के आंतरिक गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं है। पास में स्थित, एक और दर्शनीय स्थल 300 साल पुराना श्मशान है।

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