संजय गांधी जैविक उद्यान या पटना चिड़ियाघर के रूप में लोकप्रिय यह उद्यानए पटना के बेली रोड पर स्थित है। शहर के इस हरे.भरे क्षेत्र को वर्ष 1969 में स्थापित किया गया था। इसे देश के सबसे बड़े चिड़ियाघरों में गिना जाता है। यहां विभिन्न प्रजातियों के लगभग 800 जानवरों के साथ.साथ पौधों और पेड़ों की भी कई किस्में पाई जाती हैं। इस पार्क के मध्य में एक तालाब हैए जहां से जंगल के लिए कई घुमावदार रास्ते जाते हैं। इसके साथ ही यह पार्क सभी उम्र के लोगों के लिए एक रोमांचक और मजेदार अनुभव प्रदान करता हैं। संजय गांधी जैविक उद्यान का कुल क्षेत्रफल लगभग 153 एकड़ है और इसे एक ही बार में देख पाना लगभग असंभव है। इस पार्क में रॉयल बंगाल टाइगर के अतिरिक्त कई प्रजातियों के रंग.बिरंगे पक्षीए चिंपांजीए एक सींग वाले गैंडेए शेरए जिराफए जेब्राए हाथीए विभिन्न प्रकार के बंदरए हिरण और दरियाई घोड़ा आदि की विभिन्य प्रजातियां पाई जाती हैं। इस पार्क में कुल वन्यजीवों की संख्या में स्तनधारियों के 338 प्रकारए पक्षियों की 355 प्रजातियांए और 471 प्रकार के सरीसृप शामिल हैं। इस पार्क में एक एक्वेरियम भी है जिसमें 30 से अधिक दुर्लभ मछलियों की प्रजातियां पाई जाती हैं। इसे एक कृत्रिम द्वीप पर तालाब के बीचों.बीच बनाया गया है। एक्वेरियम देखने के लिए टिकट लेना पड़ता है। यहां के दर्शनीय स्थलों में गुलाब उद्यानए हर्बल गार्डनए ग्रीन हाउसए बच्चों का पार्कए झीलए ट्री हाउस और जंगल मार्ग हैं। यहां के सांप घर में सांपों की लगभग 30 प्रजातियां हैं। यहां चमगादड़ए कछुए और उल्लूओं के लिए अलग.अलग संग्रहालय हैं। पर्यटक पार्क के अंदर घूमने के लिए नियमित अंतराल पर चलने वाली पांच डिब्बे वाली टॉय ट्रेन में भी बैठ सकते हैं। यहां के तालाब में पर्यटकों के लिए बोटिंग की भी सुविधा है।

अन्य आकर्षण