डुबारे में कावेरी नदी द्वारा बनाया गया प्राकृतिक द्वीप है, यह शिविर हाथी संरक्षिका है, वर्तमान में इसमें लगभग 150 जानवर हैं। यह शिविर स्तनधारियों के बारे में जानने के लिए मजेदार और दिलचस्प जगह है, जो आगंतुकों को जानवरों को गुड़, नारियल, केला, गन्ना और रागी खिलाने का अवसर देता है। पर्यटक जानवरों को रगड़-रगड़ कर नहलाते हुए भी देख सकते हैं, जिसके बाद उनके माथे और दाँतों पर तेल लगाया जाता है। इसके अलावा, आप हाथी की सवारी, कावेरी नदी में हरिगोल की सवारी, मछली पकड़ने, रिवर राफ्टिंग, बर्ड-वाचिंग और ट्रेकिंग भी कर सकते हैं। हरिगोल की सवारी पर जाते समय, यदि आप किस्मत वाले हैं, तो आप मगरमच्छों को धूप सेंकते हुए देख सकते हैं। शिविर में हाथियों की देखभाल करने वाले भी प्रसिद्ध मैसूर दशहरा का हिस्सा हैं।

शिविर वन विभाग और हाथियों के इतिहास, पारिस्थितिकी एवं जीव विज्ञान के विशेषज्ञ प्रकृतिवादियों द्वारा शुरू की गई एक परियोजना है, जिनको जानवरों के बारे में पर्यटकों को शिक्षित करने तथा जानवरों को संरक्षित करने और उनके साथ दया का व्यवहार कितना महत्वपूर्ण है, के बारे में बताने के काम पर रखा गया है। कई होमस्टे और रिसॉर्ट्स रिजर्व के पास बनाये गए हैं, ताकि यहाँ अधिक समय तक रह सकें और जंगल में जीप से जा सकें। शिविर में आने का सबसे अच्छा समय सितंबर और मार्च के बीच है।

अधिक अच्छे हुए अनुभव के लिए पर्यटक डुबारे के हरे-भरे जंगलों में घुम सकते हैं, जिसमें कई वनस्पतियाँ और जीव देखने को मिलेंगे। जंगली एशियाई हाथी जो बाघों, तेंदुओं, चित्तीदार हिरण, सांभर और भालू से एक आम दृश्य हैं, आप बहुत सारे यहां पाये जाने वाले विशेष जीवों को देख सकते हैं।