मामल्लपुरमए यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल परिसर में एक और दर्शनीय रत्न हैए वह है पंचपांडव मंडपम। यह शहर के सबसे बड़े गुफा मंदिरों में से एक हैए इसका निर्माण पल्लव वंश के राजा नरसिंह वर्मन प्रथम ने 7वीं और 8वीं शताब्दी के बीच करवाया था। रॉक.कट शैली की स्थापत्य कला का यह एक अच्छा उदाहरण है। यह गुफा मंदिर आयताकार आकार में स्तंभों पर खड़ा है। इसके प्रवेश द्वार पर दो बैठे हुए शेरों का पहरा है और थोडी दूर बरामदे के स्तंभों पर भी शेरों की प्रतिमाएं हैं। अंदर के रैंप पर स्तंभों के पीछे शेर और हाथी छिपे हुए हैंए जो दूर से तो नहीं दिखतेए लेकिन पास आने पर अचानक आपके सामने प्रकट हो जाते हैं। गुफा के आगे वाले भाग में छह खंभे हैंए जिनके निचले भाग में शेर बने हुए हैंए जो इसे एक शाही रूप देते हैं। गुफा के भीतर सभी दीवारों परए खंभों परए बरामदे के स्तंभों पर और चट्टानों में बनी कोठरियों में भी बारीक नक्काशी देखने को मिलती हैए जो बहुत ही दिलचस्प है।

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