थांगसेरी अपनी संकरी गलियों, खूबसूरत चर्च, किलों और दीपगृह के साथ-साथ उपनिवेशवाद के आकर्षण से भरा हुआ है। इसके शांत बीच और ताड़ तथा नारियल के झूमते पेड़ इस छोटे से पोर्ट कस्बे को सुरम्य सुंदरता प्रदान करते हैं जो देश के सभी हिस्सों से पर्यटकों को आकर्षित करता है। थांगसेरी का प्रसिद्ध दीपगृह 144 फीट लंबा है। यह शहर की सबसे विख्यात स्मारक है और इसे समुद्र से 13 मील दूर से देखा जा सकता है। थांगसेरी बीच चांदी जैसी पट्टी से कवर है और यह स्ट्रेच 3 किमी लंबी है। इस बीच पर ताड़ के पेड़ हैं। यहां पर लोकप्रिय पर्यटन गतिविधियों में गहरे समुद्र में फिशिंग, सर्फिंग, स्पीडबोट राइडिंग और नौका में सवार होना है। पर्यटकों को सेंट थॉमस किला भी देखना चाहिए जिसका निर्माण पुर्तगालियों ने 1518 में कराया था। किले के अवशेष पर्यटकों को उपनिवेशवाद की वास्तुकला और असाधारण आकर्षण सम्मोहित करता है। पर्यटकों को ऐतिहासिक शैशव जीसस कैथेड्रल भी देखना चाहिए जिसे पुर्तगालियों ने 1614 में बनवाया था। यह थांगसेरी के उपनिवेशवाद के इतिहास के प्रमाण के रूप में सामने है। यह पोर्ट सिटी कभी ब्रिटिश एन्क्लेव थी जिसे डच किलोन के रूप में जाना जाता है और एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र रहा। ब्रिटिश काल में, गांव वाले सोने का इस्तेमाल अपनी मुद्रा के रूप में करते थे, जिसका नाम थांगसेरी दिया गया। इसका मतलब स्थानीय बोलचाल में स्वर्ण गांव था। थांगसेरी, कोल्लम से 5 किमी की दूरी पर है। 

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