यह पारायाकाडावू के छोटे से मत्स्य गांव में स्थित है। अमृतपुरी में स्थित यह आश्रम विश्व प्रसिद्ध समाज सुधारक श्री माता अमृतानंदमयी देवी का है, जिसमें हर वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।  इस टाउनशिप में देश-विदेश के 300 से ज्यादा लोग रहते हैं और प्राचीन भारत के आदर्श वाक्य 'वसुधैवकुटुम्बकम' का सबसे बढ़िया उदाहरण है, जिसका मतलब होता है कि पूरा विश्व एक परिवार है। यहां विभिन्न भाषाओं को बोलने वाले लोग आते हैं और एक ही छत के नीच एक कई तरह की वेशभूषा धारण करते हैं। यह स्थान एक छोटे से द्वीप में स्थित है, जो कि बैकवॉटर और अरब सागर के बीच में है। यह स्थान शांत आध्यात्मिक क्रांति का प्रमुख केंद्र बन गया है। सुबह की प्रार्थना सुबह सात बजे से पहले जबकि शाम की प्रार्थना रात 8 बजे होती है। इसके बाद रात्रि भोजन होता है, फिर एक घंटे का ध्यान सत्र होता है।

अन्य आकर्षण