टाउन हॉल, भव्य प्राचीन सफेद भवन, शहर की सबसे महत्वपूर्ण विरासती इमारतों में से एक है। डोरिक वास्तुकला की शैली में निर्मित, टाउन हॉल में सामने की तरफ चौड़ी सीढ़ियां हैं जो एक विशाल पोर्टिको की ओर ले जाती हैं। वर्ष 1814 में निर्मित इस दो मंजिले इमारत का उपयोग बाॅलरूम, संगीत समारोह, स्वागत समारोहों और सार्वजनिक बैठकों के लिए किया जाता था। ये आमतौर पर पहली मंजिल पर होती थीं, जिसकी छत 30 फुट ऊंची है और चमकदार सागवान की लकड़ी से बनी है। इमारत में अंदर आने के लिए इमारत के पीछे से पोर्टिको के नीचे गाड़ियों का एक प्रवेश द्वार है।
आर्किटेक्ट और इंजीनियर मेजर जनरल जॉन गार्स्टिन (1756-1820) ने लॉटरी के 700,000 रुपये से टाउन हॉल बनवाया था। शुरुआती समय में सरकार द्वारा तय किए गए नियमों और शर्तों के आधार पर जनता को हॉल का उपयोग करने की अनुमति थी। जनता भूतल पर प्रतिमा और विशाल चित्र देखने आती थी पर ऊपरी मंजिलों पर पहुंच सीमित थी। जब वर्ष 1867 में टाउन हॉल कलकत्ता नगर पालिका (अब कलकत्ता नगर निगम) के संरक्षण में आया, तो इसके कई भागों का नवीकरण किया गया।

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