बोलचाल की भाषा में वड़ा पाव के रूप में जाना जाने वाला, यह एक प्रकार का भारतीय बर्गर है जिसे उबले हुए आलू भरकर बनाया जाता है। आलुओं को बेसन के घोल में डुबो कर, उसे गोल आकार देते हुए तला जाता है और इसे एक बन ब्रेड स्लाइस पर रखकर परोसा जाता है। यह स्थानीय लोगों और पर्यटकों द्वारा समान रूप से पसंद किया जाता है और महाराष्ट्र के लोगों का तो इसके बिना गुजारा ही नहीं होता है। ऐसा माना जाता है कि इसका आविष्कार अशोक वैद्य ने 1966 में किया था, जिन्होंने मुंबई में दादर रेलवे स्टेशन के सामने एक छोटा सा स्टॉल खोला था। हजारों कर्मचारी अक्सर एक झटपट तैयार होने वाले और सस्ते नाश्ते की तलाश में उनके स्टॉल पर आते थे। जल्द ही, वड़ा पाव न केवल श्रमिकों बल्कि राज्य के अधिकांश लोगों के बीच लोकप्रिय हो गया। आज कोल्हापुर के लगभग हर गली के कोने में वड़ा पाव बेचने वाला खड़ा नजर आता है।

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