शहर में एक ऐसा पवित्र स्थान है, जहां जाकर सुकून का एहसास होता है। ज्योतिबा हिल्स, जोतिबा मंदिर के लिए जाना जाता है, जो पहाड़ी पर सबसे ऊपर बना है। यह मंदिर, ज्योतिबा (दत्तात्रेय) को समर्पित है, जिन्हें भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान शिव का अवतार माना जाता है। यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक के रूप में प्रसिद्ध है। किंवदंती है कि ज्योतिबा का सृजन राक्षस रत्नसुर को मारने के लिए किया गया था। मंदिर के गर्भगृह में एक शिवलिंग है, जिसे केदारेश्वर भी कहा जाता है। चोपडाई और यामई की मूर्तियां भी यहां मौजूद हैं। मंदिर के चारों ओर का वातावरण बहुत ही सुंदर  है और हरे-भरे पहाड़ों और काले रंग की खड़ी चट्टानों से घिरा कोल्हापुर के उत्तर में स्थित है।

मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचने के लिए पर्यटकों को 100 से अधिक सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। माना जाता है कि मंदिर का निर्माण 1730 में नवजिसाया द्वारा कराया गया था। इसलिए मंदिर के अंदरूनी हिस्सों में प्राचीनता का समावेश देखने को मिलता है। मंदिर में चैत्र पूर्णिमा के अवसर पर भारी संख्या में लोग आते हैं। इस समय यहां एक विशाल मेले का भी आयोजन किया जाता है जिसमें भक्त लंबी (सासन) छड़ियों के साथ भाग लेते हैं। त्योहार के दौरान चारो ओर गुलाल बिखराया जाता है।

अन्य आकर्षण