यह दो स्वर्णण्गुंबद वाला मंदिर वैष्णवों यभगवान विष्णु के उपासकद्ध का ऐतिहासिक केंद्र माना जाता है। वास्तुकला की पारंपरिक नागर शैली में निर्मितए मंदिर की सफेद इमारत वास्तव में भव्य दिखती है और यह सुनहरे गुंबद के बिलकुल विपरीत है। गोविंदजी या भगवान कृष्ण को समर्पितए श्रीण्श्री गोविंदजी मंदिर में भगवान गोविंद और देवी राधा की मूर्तियां विराजमान है। साथ ही भगवान बलरामए भगवान जगन्नाथए देवी बलभद्र और देवी सुभद्रा की भी मूर्तियां हैं। मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय सुबह की आरती के दौरान होता हैए जब देवताओं की पूजा के लिए लोक संगीत बजाया जाता है। मंदिर ध्यान लगाने के लिए एकदम सही स्थान प्रदान करता है और मंटप शांति और सौम्यता से भरा सबसे अच्छा स्थान है। आगंतुक प्रसाद के लिए पहले से पंजीकरण भी कर सकते हैं और मंदिर परिसर में ही एक पूर्ण शाकाहारी भोजन का आनंद ले सकते हैं। मंदिर मूल रूप से सन 1846  में मणिपुर के महाराज नारा सिंह य1844ण्1850द्ध के शासनकाल के दौरान बनाया गया था। यह मणिपुर के पूर्व महाराजाओं के शाही महल से सटा हुआ है और इसमें एक उठा हुआ सभागार और एक पक्का आंगन है।

अन्य आकर्षण